कहा जाता है कि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आहार मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ जौ थे। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से जौ का उपयोग होता चला आ रहा है। वेदों ने à¤à¥€ यजà¥à¤ž की आहà¥à¤¤à¤¿ के रूप में जौ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया है। गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से गेहूठकी अपेकà¥à¤·à¤¾ जौ हलका धानà¥à¤¯ है। उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में गरà¥à¤®à¥€ की ऋतॠमें à¤à¥‚ख-पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ शांत करने के लिठसतà¥à¤¤à¥‚ का उपयोग अधिक होता है।
रिपोर्ट - वैध दीपक कà¥à¤®à¤¾à¤°
कहा जाता है कि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आहार मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ जौ थे। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से जौ का उपयोग होता चला आ रहा है। वेदों ने à¤à¥€ यजà¥à¤ž की आहà¥à¤¤à¤¿ के रूप में जौ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया है। गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से गेहूठकी अपेकà¥à¤·à¤¾ जौ हलका धानà¥à¤¯ है। उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में गरà¥à¤®à¥€ की ऋतॠमें à¤à¥‚ख-पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ शांत करने के लिठसतà¥à¤¤à¥‚ का उपयोग अधिक होता है। जौ को à¤à¥‚नकर, पीसकर, उसके आटे में थोड़ा सेंधा नमक और पानी मिलाकर सतà¥à¤¤à¥‚ बनाया जाता है। कई लोग नमक की जगह गà¥à¤¡à¤¼ à¤à¥€ डालते हैं। सतà¥à¤¤à¥‚ में घी और चीनी मिलाकर à¤à¥€ खाया जाता है। जौ का सतà¥à¤¤à¥‚ ठंडा, अगà¥à¤¨à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ªà¤•, हलका, कबà¥à¤œ दूर करने वाला, कफ à¤à¤µà¤‚ पितà¥à¤¤ को हरने वाला, रूकà¥à¤·à¤¤à¤¾ और मल को दूर करने वाला है। गरà¥à¤®à¥€ से तपे हà¥à¤ à¤à¤µà¤‚ कसरत से थके हà¥à¤ लोगों के लिठसतà¥à¤¤à¥‚ पीना हितकर है। मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के रोगी को जौ का आटा अधिक अनà¥à¤•à¥‚ल रहता है। इसके सेवन से शरीर में शकà¥à¤•à¤° की मातà¥à¤°à¤¾ बढ़ती नहीं है। जिसकी चरबी बढ़ गयी हो वह अगर गेहूठऔर चावल छोड़कर जौ की रोटी à¤à¤µà¤‚ बथà¥à¤ की या मेथी की à¤à¤¾à¤œà¥€ तथा साथ में छाछ का सेवन करे तो धीरे-धीरे चरबी की मातà¥à¤°à¤¾ कम हो जाती है। जौ मूतà¥à¤°à¤² (मूतà¥à¤° लाने वाला पदारà¥à¤¥) हैं अतः इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खाने से मूतà¥à¤° खà¥à¤²à¤•à¤° आता है। जौ को कूटकर, ऊपर के मोटे छिलके निकालकर उसको चार गà¥à¤¨à¥‡ पानी में उबालकर तीन चार उफान आने के बाद उतार लो। à¤à¤• घंटे तक ढककर रख दो। फिर पानी छानकर अलग करो। इसको बारà¥à¤²à¥€ वाटर कहते हैं। बारà¥à¤²à¥€ वाटर पीने से पà¥à¤¯à¤¾à¤¸, उलटी, अतिसार, मूतà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤šà¥à¤›, पेशाब का न आना या रà¥à¤•-रà¥à¤•à¤•à¤° आना, मूतà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¹, वृकà¥à¤•à¤¶à¥‚ल, मूतà¥à¤°à¤¾à¤¶à¤¯à¤¶à¥‚ल आदि में लाठहोता है। Dr.(Vaid) Deepak Kumar Adarsh Ayurvedic Pharmacy Daksh Mandir Marg Kankhal Haridwar aapdeepak.hdr@gmail.com 9897902760