निरंजन पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि à¤à¤—वान शिव की आराधना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को अंधकार से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की ओर ले जाती है और उसके जीवन का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करती है। शिव की शरण में आने वाले पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो जाता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 31 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ निरंजन पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि à¤à¤—वान शिव की आराधना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को अंधकार से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की ओर ले जाती है और उसके जीवन का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करती है। शिव की शरण में आने वाले पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो जाता है। नीलधारा तट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ काली मंदिर में शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में अनवरत जारी विशेष शिव आराधना के दौरान शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को शिव महिमा का महतà¥à¤µ समà¤à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि à¤à¤—वान शिव को सावन का महीना अति पà¥à¤°à¤¿à¤¯ होता है। देवादीदेव महादेव के à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ आराधना के परà¥à¤µ का महतà¥à¤µ समà¤à¤¤à¥‡ हà¥à¤ सà¤à¥€ को नियमानà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤—वान आशà¥à¤¤à¥‹à¤· का जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• और दà¥à¤—à¥à¤§ अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• अवशà¥à¤¯ करना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤—वान शिव की उपासना से अरà¥à¤¥ काम मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का जीवन सफल हो जाता है। सावन में की गई शिव आराधना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सà¤à¥€ मनोकामनाà¤à¤‚ पूरà¥à¤£ करती है। माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ ने à¤à¤—वान शिव को पाने के लिठ108 बार अवतरण लिया। कलयà¥à¤— में सूकà¥à¤·à¥à¤® आराधना से ही पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होकर महादेव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ करते हैं। à¤à¤—वान शिव ने विषपान कर सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ की और आज à¤à¥€ अपनी शरण में आने वाले पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का संरकà¥à¤·à¤£ कर à¤à¤—वान उसे à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार लगाते हैं। महादेव के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आसà¥à¤¥à¤¾ और समरà¥à¤ªà¤£ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का जीवन सफल बनाती है और गंगा तट पर महादेव की आराधना का महतà¥à¤µ और बॠजाता है। संपूरà¥à¤£ शिव परिवार के साथ में मां गंगा की असीम कृपा à¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर बरसती है। इसीलिठसà¤à¥€ को शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¤—वान शिव की आराधना अवशà¥à¤¯ करनी चाहिà¤à¥¤ जब à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का मà¥à¤‚ह खतà¥à¤® हो जाठऔर à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ आठकि जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤‚दà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ बेकाम हो जाà¤à¤‚। उस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में शूनà¥à¤¯ आकार लेता है और जब शूनà¥à¤¯ à¤à¥€ असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ हीन हो जाठतो वहां à¤à¤—वान शिव का पà¥à¤°à¤¾à¤•à¤Ÿà¥à¤¯ होता है। à¤à¤—वान शिव शूनà¥à¤¯ से à¤à¥€ परे हैं। जब कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• जीवन को तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर सचà¥à¤šà¥‡ मन से मनन करता है तो उसे à¤à¤—वान शिव की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। à¤à¤• आकार और अलौकिक शिव देवों के देव महादेव को शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज के शिषà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवंतिकानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ ने बताया कि मंदिर में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ सà¥à¤¬à¤¹ व शाम महादेव शिव की à¤à¤µà¥à¤¯ आरती कर विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की कामना की जाती है। इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवंतिकानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, आचारà¥à¤¯ पवनदतà¥à¤¤ मिशà¥à¤°, पंडित पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ पांडे, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कृषà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रघà¥à¤µà¥€à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦, महंत लालबाबा, बाल मà¥à¤•à¥à¤‚दानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अनà¥à¤°à¤¾à¤—ी महाराज, आचारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦, पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ सà¥à¤§à¥€à¤° पाणà¥à¤¡à¥‡ सहित सैकड़ों शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।