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सरकार कलाकारों को हमेंशा सम्मान देने के पक्ष में रही हैः सतपाल महाराज


प्रदेश सरकार राज्य में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा हमेशा कलाकारों को सम्मान देने के पक्ष में रही हैं। हम प्रदेश में ललित कला, नाट्य कला और साहित्य कला को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 01 अगस्त, 2022, प्रदेश सरकार राज्य में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा हमेशा कलाकारों को सम्मान देने के पक्ष में रही हैं। हम प्रदेश में ललित कला, नाट्य कला और साहित्य कला को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश के संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को ललित कला अकादमी भारत सरकार एवं संस्कृति विभाग उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में 26 जुलाई (कारगिल दिवस) से चल रही राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला के समापन अवसर पर कही। उन्होंने 13 से 15 अगस्त तक अपने-अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना का आह्वान करते हुए कहा कि श्हर घर तिरंगाश् अभियान आजादी के अमृत महोत्सव का ही हिस्सा जिसे 75 साल पूरे होने के जश्न के रूप में मनाया जा रहा है। महाराज ने कहा कि कारगिल दिवस और आजादी के अमृत महोत्सव पर यहां आयोजित इस राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला में देश के विभिन्न क्षेत्रों से अनेक कलाकारों ने भाग लिया। पिछले एक सप्ताह में सभी कलाकारों ने अपने हुनर का परिचय देकर ललित कला को बढ़ावा देने में अपना योगदान दिया है। कार्यशाला में भाग लेने वाले बच्चों ने सैनिकों की वीरता और अभिव्यक्ति को दर्शाते हुए अनेक चित्र बनाएं। इस आयोजन से बच्चों को बड़ा प्रोत्साहन मिला है। उन्होने कहा गीत, संगीत, नृत्य, नाट्य तथा विभिन्न प्रकार की चित्रकला या ललित कला वह कला है, जो कलाकार एवं दर्शक के अंतर्मन को स्पर्श कर मन को मुग्ध करती है। प्रदेश सरकार राज्य में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा हमेशा कलाकारों को सम्मान देने के पक्ष में रही हैं। महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार में ललित कला, नाट्य कला और साहित्य कला को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होने कहा कि प्रदेश के कलाकारों को भी इस विषय में समय समय पर अपने सुझाव हमें देने चाहिएं। संस्कृति मंत्री ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में बरेछीना गांव में स्थित लखुडियार का जिक्र करते हुए कहा कि लखुडियार एक रॉक शेल्टर है। उनकी चट्टानों पर कई चित्र बनाए गए हैं। इतिहास के जानकारों के अनुसार यह सभी प्रागैतिहासिक काल बताए जाते हैं।

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