जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ दंडी सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अनंतानंत सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज राजगà¥à¤°à¥‚ मठकाशी ने कहा à¤à¤—वान महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय महादेव की आराधना मृतà¥à¤¯à¥ पर विजय दिलाने के लिठजाती है। ‌ महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय का जाप करने वाले साधक की अकाल मृतà¥à¤¯à¥ नहीं होती। काल à¤à¥€ उनके पास जाने से डरता है। à¤à¤¸à¥‡ साधकों को मृतà¥à¤¯à¥ का à¤à¤¯ à¤à¥€ नहीं रहता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ दंडी सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अनंतानंत सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज राजगà¥à¤°à¥‚ मठकाशी ने कहा à¤à¤—वान महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय महादेव की आराधना मृतà¥à¤¯à¥ पर विजय दिलाने के लिठजाती है। ‌ महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय का जाप करने वाले साधक की अकाल मृतà¥à¤¯à¥ नहीं होती। काल à¤à¥€ उनके पास जाने से डरता है। à¤à¤¸à¥‡ साधकों को मृतà¥à¤¯à¥ का à¤à¤¯ à¤à¥€ नहीं रहता है। इसके साथ साधकों को आरोगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ निरोगी रहने पर ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ परिवार समाज के साथ देश की सेवा कर सकता है। इसलिठमनà¥à¤·à¥à¤¯ को सरà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सिदà¥à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठà¤à¤—वान महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय महादेव की आराधना करनी चाहिà¤à¥¤ गौरतलब है कि राजगà¥à¤°à¥ मठ, गाजीवाली शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤ªà¥à¤°, हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में सावन माह के तीसरे सोमवार को महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• महोतà¥à¤¸à¤µ धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ दंडी सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अनंतानंत सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज के पावन सानिधà¥à¤¯ में मà¥à¤–à¥à¤¯ यजमान आशà¥à¤¤à¥‹à¤· पांडे ने सपतà¥à¤¨à¥€à¤• मठमें विराजमान à¤à¤—वान महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय महादेव का विधिवत पूजन करने के उपरांत रूदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया गया।‌ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ अनंतानंत सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज कहा कि सावन माह में सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के संचालन का à¤à¤¾à¤° à¤à¤—वान शिव के हाथों में होता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस दौरान à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ शयन करते हैं। इसलिठसावन माह मनोकामना पूरà¥à¤¤à¤¿ के लिठà¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वान शिव की आराधना करते चले आ रहे हैं। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि सावन मास में à¤à¤—वान शिव कैलाश को छोड़कर तीरà¥à¤¥ नगरी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° की उपनगरी में कनखल में वास करते हैं। इसलिठचारों दिशाओं में बम बम की गूंज सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ देती है। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के उपरांत à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठविशाल à¤à¤‚डारे का आयोजन किया गया जिसमें आसपास के गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ ने बढ़ चढ़कर à¤à¤¾à¤— लिया। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• महोतà¥à¤¸à¤µ में मà¥à¤°à¤¾à¤°à¥€ पांडे, अमित शाही, पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त राय, पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ राय, सà¥à¤¨à¥€à¤² सिंह, पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£ सिंह, नीलम राय, सरोज सहित अनà¥à¤¯ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने à¤à¤—वान शिव और महाराज का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया।