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महापुरुषों का जीवन निर्मल जल के समान होता है - स्वामी ऋषिश्वरानंद


ब्रहमऋषि महंत बाबा दूधाधारी महाराज की पुण्यतिथि सभी 13 अखाड़ों के संत महापुरुषों के सानिध्य में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। भूपतवाला स्थित गुरु कृपा कुटी में संत समागम को संबोधित करते हुए चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और संत महापुरुष सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। साकेतवासी ब्रह्मऋषि बाबा दूधाधारी महाराज एक महान एवं तपस्वी संत थे। जिन्होंने वैष्णव परंपराओं का निर्वहन करते हुए समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया और समाज को सेवा का संदेश दिया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 3 अगस्त। ब्रहमऋषि महंत बाबा दूधाधारी महाराज की पुण्यतिथि सभी 13 अखाड़ों के संत महापुरुषों के सानिध्य में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। भूपतवाला स्थित गुरु कृपा कुटी में संत समागम को संबोधित करते हुए चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और संत महापुरुष सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। साकेतवासी ब्रह्मऋषि बाबा दूधाधारी महाराज एक महान एवं तपस्वी संत थे। जिन्होंने वैष्णव परंपराओं का निर्वहन करते हुए समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया और समाज को सेवा का संदेश दिया। संत समाज के इतिहास में उनका जीवन सदैव अमर रहेगा। बाबा हठयोगी एवं महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि साकेत वासी महंत दूधाधारी महाराज त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव नमन करता है। महंत प्रह्लाद दास महाराज उनके जीवन का अनुसरण करते हुए संतों की सेवा कर रहे हैं और समाज कल्याण में लगातार अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए गुरु कृपा कुटी के अध्यक्ष महंत प्रह्लाद दास महाराज ने कहा कि पूज्य दादा गुरू साकेत वासी बाबा दूधाधारी महाराज ने जो उन्हें संकल्प दिया था उसका वह भली-भांति निर्वहन कर रहे हैं। गौ सेवा गंगा संरक्षण गरीब असहाय लोगों की मदद करना यह उनके जीवन का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि महापुरुष शरीर त्यागते हैं। उनकी शिक्षाएं अनंतकाल तक समाज का मार्गदर्शन करती हैं। महंत रामेंद्र बिहारी दास एवं महंत गोविंद दास महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है और संत समाज के प्रेरणा स्रोत साकेतवासी बाबा दूधाधारी महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर श्रीमहंत विष्णुदास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत बिहारी शरण, महंत अरुणदास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, महंत सूरज दास, महंत प्रेमदास, महंत श्याम प्रकाश, महंत विनोद महाराज, योगी सत्यव्रतानंद, महंत अंकित शरण, महंत रामजी, महंत रामानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महामनीषी निरंजन स्वामी, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, महंत अगस्त दास, हैप्पी नरूला, अनिल कुक्कड,़ हरजिंदर भटीजा, आशु मूंगा, काका आंवला, जॉनी आंवला, निक्का आंवला, सोनू गल्होत्रा, मुकेश, अंकित चलाना, डिंपल भटीज,ा गुरु हर साहिब मंडी फिरोजपुर पंजाब उपस्थित रहे।

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