परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने पतंजलि योगपीठके महासचिव आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी को जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आप सदैव सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहें à¤à¤µà¤‚ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ हों तथा मानवता के लिये निरंतर सेवा कारà¥à¤¯ करते रहें।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 4 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने पतंजलि योगपीठके महासचिव आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी को जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आप सदैव सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहें à¤à¤µà¤‚ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ हों तथा मानवता के लिये निरंतर सेवा कारà¥à¤¯ करते रहें। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अपने संदेश में कहा कि आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ ऋषि और पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के विशà¥à¤µà¤•à¤°à¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी सनातन वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जीने वाले तथा सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, माठगंगा की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जीवंत रखने वाले अदà¥à¤à¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ हैं। आपकी सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ निषà¥à¤ ा और समरà¥à¤ªà¤£ विलकà¥à¤·à¤£ है। आप ईशà¥à¤µà¤° की सेवा के रूप में पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की सेवा, संरकà¥à¤·à¤£ और à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ को जीवंत बनाये रखने हेतॠअदà¥à¤à¥à¤¤ योगदान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर रहे हैं। पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव जी ने योग का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ जी ने आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के विसà¥à¤¤à¤¾à¤° के लिये अपना जीवन समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया हैं। योग और आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के विसà¥à¤¤à¤¾à¤° हेतॠआप दोनों विà¤à¥‚तियों ने अलौकिक योगदान दिया है, आज पूरा विशà¥à¤µ इसका साकà¥à¤·à¥€ है। समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनका अननà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤µ अदà¥à¤à¥à¤¤ व अवरà¥à¤£à¤¨à¥€à¤¯ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी पतंजलि परिवार के लिये à¤à¤• दिवà¥à¤¯ वरदान के रूप में हैं। हिमालय सी ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ, गंगा सी पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ और सागर सी गहराई के साथ जीवन जीने वाले और दूसरों को à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही जीवन जीने का संदेश देने वाले आचारà¥à¤¯ जी आप दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ और दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥ हो। पतंजलि योगपीठ, दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी का जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाया जाना अदà¥à¤à¥à¤¤ पहल है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¾à¤—रण तथा आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अदà¥à¤à¥à¤¤ कीरà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किये हैं। हमारे महान महरà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने चरक संहिता, सà¥à¤¶à¥à¤°à¥à¤¤ संहिता और अषà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚ग हृदय 2,000 से à¤à¥€ अधिक साल पहले संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में लिखी थी इन महान गà¥à¤°à¤‚थों में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ जड़ी बूटियों को वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤—िक सà¥à¤¤à¤° पर सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤²à¤ बनाने हेतॠआचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी ने विलकà¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯ किये हैं। पà¥à¤¨à¤ƒ जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚।