पशà¥à¤šà¤¿à¤® के परिवारों ने मिलकर आपस में रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन का परà¥à¤µ मनाया। इस अवसर पर साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने अपने आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¥‚ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ को राखी बांधी, ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ सà¤à¥€ ने मिलकर विशà¥à¤µ मंगल की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। इस अवसर पर अमेरिकी बहन हाना ने अपने à¤à¤¾à¤ˆ जैकब को राखी बांधी ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ सà¤à¥€ ने मिलकर पेड़-पौधों, जड़ी-बूटी à¤à¤µà¤‚ औषधि यà¥à¤•à¥à¤¤ पौधों को राखी बांधकर उनके रोपण और संरकà¥à¤·à¤£ का संदेश दिया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
आइसलैंड, 12 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ और जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अपने विदेशी पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ के दौरान आइसलैंड की धरती पर रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन का परà¥à¤µ मनाया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में पूरà¥à¤µ और पशà¥à¤šà¤¿à¤® के परिवारों ने मिलकर आपस में रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन का परà¥à¤µ मनाया। इस अवसर पर साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने अपने आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¥‚ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ को राखी बांधी, ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ सà¤à¥€ ने मिलकर विशà¥à¤µ मंगल की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। इस अवसर पर अमेरिकी बहन हाना ने अपने à¤à¤¾à¤ˆ जैकब को राखी बांधी ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ सà¤à¥€ ने मिलकर पेड़-पौधों, जड़ी-बूटी à¤à¤µà¤‚ औषधि यà¥à¤•à¥à¤¤ पौधों को राखी बांधकर उनके रोपण और संरकà¥à¤·à¤£ का संदेश दिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने इस अवसर पर रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤µ के विषय में जानकारी देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में बहनें अपने à¤à¤¾à¤ˆ के दायें हाथ पर राखी बाà¤à¤§à¤•à¤° उनके माथे पर तिलक कर उनके दीरà¥à¤˜ आयॠकी कामना करती हैं और à¤à¤¾à¤ˆ, बहन की रकà¥à¤·à¤¾ का वचन देता है और सà¥à¤– दà¥à¤– में साथ रहने का विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ दिलाता हैं। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ पावन परà¥à¤µ है जो à¤à¤¾à¤ˆ-बहन के पवितà¥à¤° रिशà¥à¤¤à¥‡ को पूरा आदर और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ देता है। परंपरागत मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° देव और दानवों में जब यà¥à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤† था उस समय देवराज इनà¥à¤¦à¥à¤° को उनकी पतà¥à¤¨à¥€ इंदà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€à¥‡ ने रेशम का धागा मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की शकà¥à¤¤à¤¿ से पवितà¥à¤° करके उनकी कलाई पर बाà¤à¤§ दिया था। देवराज इनà¥à¤¦à¥à¤° उस यà¥à¤¦à¥à¤§ में विजयी हà¥à¤ थे। संयोग से वह शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ का दिन था तब से शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ के दिन रकà¥à¤·à¤¾ के रूप में धागा बाà¤à¤§à¤¨à¥‡ की पà¥à¤°à¤¥à¤¾ चली आ रही है। माना जाता है कि आज के दिन à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• बांधा धागा धन, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, शकà¥à¤¤à¤¿, हरà¥à¤· और विजय देने में समरà¥à¤¥ है। राजा बलि ने जब 100 यजà¥à¤ž पूरà¥à¤£ कर सà¥à¤µà¤°à¥à¤— पर अधिकार करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया तो देवराज इनà¥à¤¦à¥à¤° आदि देवताओं ने à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। तब à¤à¤—वान ने वामन अवतार लिया तथा बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ का वेश धारण कर राजा बलि से à¤à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¾ माà¤à¤—ने पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ गà¥à¤°à¥ के मना करने पर à¤à¥€ राजा बलि ने तीन पग à¤à¥‚मि दान कर दी। à¤à¤—वान ने तीन पग में सारा आकाश, पाताल और धरती नापकर राजा बलि को रसातल में à¤à¥‡à¤œ दिया। तब राजा बलि ने अपनी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के बल से à¤à¤—वान को रात-दिन अपने सामने रहने का वचन ले लिया। à¤à¤—वान के घर न लौटने से परेशान लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी को नारद जी ने à¤à¤• उपाय बताया। उस उपाय का पालन करते हà¥à¤ लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी ने राजा बलि के पास जाकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨ बांधकर अपना à¤à¤¾à¤ˆ बनाया और à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ जी को अपने साथ ले आयीं। उस दिन शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ तिथि थी। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ का पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग मिलता है जहाठशिशà¥à¤ªà¤¾à¤² के वध के उपरानà¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की ऊà¤à¤—ली से रकà¥à¤¤ बह रहा था तब उस रकà¥à¤¤à¤¸à¥à¤°à¤¾à¤µ को रोकने के लिठदà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ ने अपने अंग वसà¥à¤¤à¥à¤° से à¤à¤• टà¥à¤•à¥œà¤¾ फाड़कर à¤à¤—वानॠकी ऊà¤à¤—ली पर बाà¤à¤§à¤¾ और इसके फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ को उनकी रकà¥à¤·à¤¾ का वचन दिया।