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75 वां आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर परमार्थ निकेतन द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से मोहन चट्टी, पौड़ी गढ़वाल में निःशुल्क स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। विशेष रूप से डायबिटीज और दन्त रोगियों को समर्पित था यह चिकित्सा शिविर।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से मोहन चट्टी, पौड़ी गढ़वाल में निःशुल्क स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। विशेष रूप से डायबिटीज और दन्त रोगियों को समर्पित था यह चिकित्सा शिविर। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और नेशनल मेडिकोस ऑर्गनाइजेशन सीमा डेंटल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में इस चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें बैरागढ़, सिंदूरी, मोहनचट्टी, जोगियाना आदि गांवों के रोगियों और विद्यालय के बच्चों ने सहभाग किया। इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट व डायबेटोलाॅजिस्ट डा विवेक सभरवाल, चंडीगढ़, नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन उत्तराखंड के उपाध्यक्ष डाक्टर हिमांशु ऐरन, एनएमओ एसडीसीएच के अध्यक्ष डाक्टर अमित अग्रवाल, डाक्टर विवेक सिंह, डाक्टर विश्रुता एवं अन्य चिकित्सकों की टीम ने शिविर मे 275 रोगियों की जांच की। डाक्टर हिमांशु ऐरन ने शिविर में पंजीकृत रोगियों को सीमा डेंटल चिकित्सालय में निशुल्क ईलाज के लिए कार्ड भी विस्तारित किए। सभी रोगियों को परमार्थ निकेतन की तरफ से निशुल्क दवाईयाँ वितरित की गई। चिकित्सा शिविर में आये रोगियों, जन समुदाय एवं स्कूली छात्र छात्राआंे को उचित रूप से ब्रश करने एवं हाथ धोने की विधि भी वीडियो के माध्यम से विस्तार में बताई गई। परमार्थ निकेतन के प्रतिनिधि ने बताया कि निःशुल्क स्वास्थ्य एवं दंत चिकित्सा शिविर परमार्थ निकेतन एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन सीमा डेंटल कॉलेज ऋषिकेश के द्वारा माह मे दो बार विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार आयोजित किए जाएंगे। निःशुल्क चिकित्सा शिविर में रूचि राय, कृष्ण कुमार, रामचन्द्र शाह, ज्योति भट्ट, ऋषभ मिश्रा और स्थानीय प्रतिनिधि दीपक बेलवाल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। परमार्थ निकेतन चिकित्सा टीम ने स्थानीय लोगों से निवेदन किया कि वे हर घर तिरंगा अभियान में बढ़-चढ़ कर सहभाग करें ताकि प्रत्येक व्यक्ति अपने राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रीय चेतना से जुड़कर देश के गौरवशाली इतिहास को जाने और जिये।

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