गायतà¥à¤°à¥€ तीरà¥à¤¥ शानà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤žà¥à¤œ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤• à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जनà¥à¤® के अवसर पर वैदिक विधिविधान के साथ उनके पूजन-अरà¥à¤šà¤¨ कर हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ उतà¥à¤¸à¤µ मनाया गया। उतà¥à¤¸à¤µ में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ परिजन ‘साà¤à¤¸-साà¤à¤¸ में नाम बसैया, पà¥à¤°à¥‡à¤® के पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‡ कृषà¥à¤£ कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾â€™ ‘जय गोविनà¥à¤¦à¤¾ जय गोपाला’, ‘जब जनà¥à¤®à¥‡ कृषà¥à¤£ à¤à¤—वान’, ‘कब आओगे कृषà¥à¤£ कनà¥à¤¹à¤¾à¤ˆâ€™ आदि गीतों के साथ à¤à¥‚मते रहे। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के परिधान में सजे ननà¥à¤¹à¥‡à¤‚-मà¥à¤¨à¥à¤¨à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ बà¥à¤¾ दिया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° १९ अगसà¥à¤¤à¥¤ गायतà¥à¤°à¥€ तीरà¥à¤¥ शानà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤žà¥à¤œ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤• à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जनà¥à¤® के अवसर पर वैदिक विधिविधान के साथ उनके पूजन-अरà¥à¤šà¤¨ कर हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ उतà¥à¤¸à¤µ मनाया गया। उतà¥à¤¸à¤µ में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ परिजन ‘साà¤à¤¸-साà¤à¤¸ में नाम बसैया, पà¥à¤°à¥‡à¤® के पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‡ कृषà¥à¤£ कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾â€™ ‘जय गोविनà¥à¤¦à¤¾ जय गोपाला’, ‘जब जनà¥à¤®à¥‡ कृषà¥à¤£ à¤à¤—वान’, ‘कब आओगे कृषà¥à¤£ कनà¥à¤¹à¤¾à¤ˆâ€™ आदि गीतों के साथ à¤à¥‚मते रहे। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के परिधान में सजे ननà¥à¤¹à¥‡à¤‚-मà¥à¤¨à¥à¤¨à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ बà¥à¤¾ दिया। शांतिकà¥à¤‚ज के मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¤à¤¾à¤—ार में आयोजित कृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में संचालकों ने कहा कि हमें à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को केवल उतà¥à¤¸à¤µ में नहीं, जीवन में à¤à¥€ अवतरित होने के लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आमनà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ करना चाहिठà¤à¤µà¤‚ इसके लिठसमà¥à¤šà¤¿à¤¤ à¤à¥‚मिका पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करना चाहिà¤à¥¤ शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ पर यदि हमारा जीवन शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£à¤®à¤¯ बन सके, तà¤à¥€ उतà¥à¤¸à¤µ मनाना सारà¥à¤¥à¤• है। अपने संदेश में गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि इस समय संसार की जैसी परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ हो रही है, उसमें à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के उपदेशों को समà¤à¤¨à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤• हो गया है। à¤à¤¸à¥€ हालत में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि किसी आततायी के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ और अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° के समà¥à¤®à¥à¤– सिर न à¤à¥à¤•à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ और जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯, अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के शिकार बन गठहैं, उनकी सहायता के लिठà¤à¥€ सदा तैयार रहें। यह सच है कि इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° किसी बड़े शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ का विरोध कर सकना हर à¤à¤• का काम नहीं है, पर अगर हम नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के पकà¥à¤·à¤§à¤° हैं और सचà¥à¤šà¥‡ हृदय से कारà¥à¤¯ करेंगे, तो हमको अपने जैसे अनà¥à¤¯ सहयोगी à¤à¥€ मिल जाà¤à¤à¤—े। शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ में शांतिकà¥à¤‚ज, गायतà¥à¤°à¥€ कà¥à¤‚ज, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¤°à¥à¤šà¤¸ à¤à¤µà¤‚ देश-विदेश से आये हजारों परिजन समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ रहे। पूजन कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन शà¥à¤¯à¤¾à¤® बिहारी दà¥à¤¬à¥‡ à¤à¤µà¤‚ शांतिकà¥à¤‚ज के आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने किया।