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यमकेश्वर क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर हुए जान-माल नुकसान का जायजा लेते जिलाधिकारी


अगस्त रात को हुई अतिवृष्टि के चलते विधानसभा यमकेश्वर क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर हुए जान-माल नुकसान का जायजा लेने जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने आपदा प्रभावित क्षेत्र बैरागढ़ ग्राम सिंदुडी पहुंचे। आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को गदेरे का बहाव गांव के दूसरे तरफ करने के लिए आज ही युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए ड्रेन/खाई खुदवाने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों का कहना था कि पानी के बहाव को रोकने के लिए आरसीसी के ब्लॉक का उपयोग किया जाए या ग्राम वासियों को विस्थापित किया जाए।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी /दिनांक 21 अगस्त 2022, 19 अगस्त रात को हुई अतिवृष्टि के चलते विधानसभा यमकेश्वर क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर हुए जान-माल नुकसान का जायजा लेने जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने आपदा प्रभावित क्षेत्र बैरागढ़ ग्राम सिंदुडी पहुंचे। आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को गदेरे का बहाव गांव के दूसरे तरफ करने के लिए आज ही युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए ड्रेन/खाई खुदवाने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों का कहना था कि पानी के बहाव को रोकने के लिए आरसीसी के ब्लॉक का उपयोग किया जाए या ग्राम वासियों को विस्थापित किया जाए। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को आपदा मोचन निधि से प्रभावितों को तत्काल राहत राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए। गांव में आ रहे पशु चारे की समस्याओं को दूर करने के लिए जिलाधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी यमकेश्वर को चारा/फीड ब्लॉक उपलब्ध कराने व घायल पशुओं का उपचार करने के निर्देश भी दिए। पानी की समस्या को दूर करने के लिए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभाग अधिकारी को निर्देशित किया कि पानी की स्थाई व्यवस्था न होने तक गांव में पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने ग्राम मराल का निरीक्षण किया, जिसमें मनोज कुमार की 02 गाय मलबे में दबकर मृत्यु हो गयी थी। जिलाधिकारी ने गौ स्वामी को तत्काल प्रतिकर मुहैया कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मनोज कुमार के घर मे पानी के रिसाव को देखते हुए जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवार को एहतियात के तौर पर गांव के पंचायत भवन में रहने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान प्रभावितों के लिए पंचायत भवन में भोजन सहित तमाम व्यवस्था पूर्ण करने के लिए तहसील प्रशासन यमकेश्वर को निर्देश दिए। ग्रामीणों का कहना था कि मराल गांव के परिवार कच्ची भूमि पर निवासरत है, जिस कारण भारी वर्षा के दौरान हमेशा भूस्खलन का खतरा बना रहता है। जिलाधिकारी ने मामले का गहनता से संज्ञान लेते हुए मराल गांव का जियोलॉजिकल सर्वे कराने के लिए उपजिलाधिकारी यमकेश्वर को आवश्यक निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधानसभा यमकेश्वर के अंतर्गत पेयजल लाइनों के दुरुस्त न होने तक पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। साथ ही जिलाधिकारी ने कृषि अधिकारी को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करते हुए फसल क्षति के आंकल संबंधित आख्या ससमय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जिससे प्रभावितों को फसल क्षति मुआवजा वितरित किया जा सके।

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