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कोनोवित ई लर्निंग एप का पतंजलि आयुर्वेद रिसर्च सेंटर में लोकार्पण किया गया है।


पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट में आज शिक्षा के क्षेत्र को लेकर एक क्रांतिकारी कदम उठाने का कार्य किया गया है। जहा पर आचार्य ने सभी ई लर्निंग से जुड़े विद्वानों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया। और साथ ही आचार्य बालकृष्ण के द्वारा केनोविट ई लर्निंग एप का लोकार्पण भी किया गया। पूज्य आचार्य ने अपने उधबोधन में कहा की कोनोवित ई लर्निंग एप उन बच्चो के लिए किसी चमत्कार से कम नही है जो अपनी जिंदगी में कुछ करना तो चाहते है मगर संसाधन न होने के कारण या सही दिशा न मिलने के कारण वह आगे नही बढ़ पाते इससे इन बच्चो को अपनी मंजिल नही मिल पाती दूसरी तरफ इस राष्ट का भी नुकसान होता है वह इतनी होनहार प्रतिभा को खो देता है यदि ऐसे बच्चो को सही में सही मंजिल मिल जाए तो यह होनहार बच्चे अपने पुरषार्थ से इस राष्ट की दिशा वा दशा बदलने की सामर्थ्य रखते है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 21ंअगस्त 2022, पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट में आज शिक्षा के क्षेत्र को लेकर एक क्रांतिकारी कदम उठाने का कार्य किया गया है। जहा पर आचार्य ने सभी ई लर्निंग से जुड़े विद्वानों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया। और साथ ही आचार्य बालकृष्ण के द्वारा केनोविट ई लर्निंग एप का लोकार्पण भी किया गया। पूज्य आचार्य ने अपने उधबोधन में कहा की कोनोवित ई लर्निंग एप उन बच्चो के लिए किसी चमत्कार से कम नही है जो अपनी जिंदगी में कुछ करना तो चाहते है मगर संसाधन न होने के कारण या सही दिशा न मिलने के कारण वह आगे नही बढ़ पाते इससे इन बच्चो को अपनी मंजिल नही मिल पाती दूसरी तरफ इस राष्ट का भी नुकसान होता है वह इतनी होनहार प्रतिभा को खो देता है यदि ऐसे बच्चो को सही में सही मंजिल मिल जाए तो यह होनहार बच्चे अपने पुरषार्थ से इस राष्ट की दिशा वा दशा बदलने की सामर्थ्य रखते है। पतंजली का भारतीय शिक्षा बोर्ड इस एप मे अपनी भागीदारी करेगा।और एक दिन यह एप आधुनिक शिक्षा के लिए बड़ा माध्यम साबित होगा। वर्तमान समय में ऐसे सरल और अध्यन सामग्री से लैस एप की अत्यधिक आवश्यकता थी जिसे कोनोवित ई लर्निंग एप ने पूरा किया। पूज्य आचार्य जी ने इस एप से जुड़े सभी भाई बहनों को आशीर्वाद देते हुए कहा की इंसान की नियत साफ हो तो कामयाबी अवश्य मिलती है। केनोविट् के संस्थापक श्याम शंकर शुक्ला ने कहा कि आने वाले समय में हम इस माध्यम से बच्चो को संस्कृत में रोबोटिक व संस्कृत में सॉफ्टवेयर कोडिंग को सिखाने का प्रयास करेंगे । श्याम शुक्ला ने कहा की इस आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्कोप है अगर हम बचपन से ही बच्चों को कोडिंग सिखाना शुरू कर देंगे तो आगे चल इन बच्चो को की नौकरी के लिए दौड़ भाग नही करना पड़ेगी । और बच्चे बेरोजगार घूम कर सरकारों को नही कोसेंगे।

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