वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में गणेश पूजन की दिवà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प हम सà¤à¥€ के सामने है और केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ विशà¥à¤µ के अनेक देशों में है, लेकिन जिस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ से परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ बिगड़ता हो, उन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर अब धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने की जरूरत है। à¤à¤¸à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं को अब हमें बदलना होगा ताकि हमारी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का मूल à¤à¥€ बचे और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¥€ बचे इसलिये गणेश जी की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ और विसरà¥à¤œà¤¨ करें लेकिन नये सरà¥à¤œà¤¨ के साथ करें।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 29 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने शà¥à¤°à¥€ गणेश चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ से पहले देशवासियों का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ ‘पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ संरकà¥à¤·à¤• गणेश’ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ के साथ करने का संदेश दिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि गणेशोतà¥à¤¸à¤µ केवल पारिवारिक उतà¥à¤¸à¤µ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ और समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤—ीदारी का उतà¥à¤¸à¤µ है, इससे समाज और समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ का मेलजोल तो बà¥à¤¤à¤¾ ही है साथ ही परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ का संदेश à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ होगा। हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ ने गणेश जी की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ और विसरà¥à¤œà¤¨ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ को बड़ी ही दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के साथ आगे बà¥à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में गणेश पूजन की दिवà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प हम सà¤à¥€ के सामने है और केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ विशà¥à¤µ के अनेक देशों में है, लेकिन जिस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ से परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ बिगड़ता हो, उन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर अब धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने की जरूरत है। à¤à¤¸à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं को अब हमें बदलना होगा ताकि हमारी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का मूल à¤à¥€ बचे और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¥€ बचे इसलिये गणेश जी की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ और विसरà¥à¤œà¤¨ करें लेकिन नये सरà¥à¤œà¤¨ के साथ करें। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में तो यह मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है कि गणेश जी की जो मूरà¥à¤¤à¤¿ व पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ है वह, यजà¥à¤ž, पूजा और उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ हेतॠमातà¥à¤° à¤à¤• अंगूठे के बराबर बनाने का विधान हैं। जब यह परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤ˆ तब पूजा में, हवन में, यजà¥à¤ž में गोबर और मिटà¥à¤Ÿà¥€ के गणेश बनाये जाते थे और फिर पूजन के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ को तालाबों में, जलाशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में, सरोवरों में, उनका विसरà¥à¤œà¤¨ किया जाता था। हमारे शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में शà¥à¤°à¥€ गणेश जी की मूरà¥à¤¤à¤¿ को नदी में, जल में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने का विधान है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जल में गोबर और मिटà¥à¤Ÿà¥€ घà¥à¤² जाती हैं और जो गोबर के जो गà¥à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ ततà¥à¤µ हंै, वह जाकर पानी की तलहटी में मिलते है, जिससे वे मिटà¥à¤Ÿà¥€, पानी आदि अनà¥à¤¯ चीजों को शà¥à¤¦à¥à¤§ करते हैं, उससे धरती उपजाऊ बनती है तथा परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की रकà¥à¤·à¤¾ à¤à¥€ होती है। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के साथ -साथ इससे गौ माता का संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨ à¤à¥€ समà¥à¤à¤µ है। गणेश चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ को शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤•à¥à¤¤ विधि से मनाने पर हमारी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥€ बचेगी और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¥€ बचेगा। बाकी जो पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤° आॅफ पेरिस और सिंथेटिक की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं, वह कोई शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ विधान के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नहीं हैं।