दà¥à¤®à¤•à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤–ंड की हिनà¥à¤¦à¥‚ बेटी की दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤‚त हतà¥à¤¯à¤¾ को समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता पर कलंक मानते हà¥à¤ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ परशà¥à¤°à¤¾à¤® घाट पर लव जिहाद की विà¤à¥€à¤·à¤¿à¤•à¤¾ पर à¤à¤• दिवसीय उपवास पर शिवशकà¥à¤¤à¤¿ धाम डासना के पीठाधीशà¥à¤µà¤° व शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚चदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेशà¥à¤µà¤° यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि à¤à¥‚ठे और धोखेबाज नेताओ और कायर धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥à¤“ं के कारण आज हमारी बेटियां जिहादियों का शिकार बन चà¥à¤•à¥€ हैं।अगर वो जिहादियों को मना करती हैं तो अंकिता तोमर और निकिता की तरह मार दी जाती है और अगर जिहादियों की बात मान लेती हैं|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
दà¥à¤®à¤•à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤–ंड की हिनà¥à¤¦à¥‚ बेटी की दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤‚त हतà¥à¤¯à¤¾ को समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता पर कलंक मानते हà¥à¤ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ परशà¥à¤°à¤¾à¤® घाट पर लव जिहाद की विà¤à¥€à¤·à¤¿à¤•à¤¾ पर à¤à¤• दिवसीय उपवास पर शिवशकà¥à¤¤à¤¿ धाम डासना के पीठाधीशà¥à¤µà¤° व शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚चदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेशà¥à¤µà¤° यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि à¤à¥‚ठे और धोखेबाज नेताओ और कायर धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥à¤“ं के कारण आज हमारी बेटियां जिहादियों का शिकार बन चà¥à¤•à¥€ हैं।अगर वो जिहादियों को मना करती हैं तो अंकिता तोमर और निकिता की तरह मार दी जाती है और अगर जिहादियों की बात मान लेती हैं तो उनकी लाश टà¥à¤•à¥œà¥‡ टà¥à¤•à¥œà¥‹ में या तो सूटकेस में मिलती है या जमीन में गà¥à¥€ हà¥à¤ˆ मिलती है।लगता है कि अब फिर वो ही समय आने वाला है जब हिनà¥à¤¦à¥à¤“ को मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤‚ के डर से बेटी को पैदा होते ही उसे मार कर जमीन में गाड़ना पड़ता था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिहादी किसी à¤à¥€ जवान हिनà¥à¤¦à¥‚ लड़की को बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ किये बिना नहीं छोड़ते थे।धीरे धीरे ये गनà¥à¤¦à¤—ी हिनà¥à¤¦à¥à¤“ के खून में शामिल होकर रसà¥à¤® और रिवाज बन गयी।अब शायद फिर से वो ही रसà¥à¤® और रिवाज दोबारा शà¥à¤°à¥‚ करने का समय आ गया है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अब फिर हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज बेटियों की रकà¥à¤·à¤¾ करने योगà¥à¤¯ नहीं रह गया है। उपवास पर शà¥à¤°à¥€ परशà¥à¤°à¤¾à¤® अखाड़ा के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ अधीर कौशिक ने कहा कि दà¥à¤®à¤•à¤¾ में लव जिहाद के नाम पर जो हà¥à¤† वो सारी मानवता के लिये कलंक है।इसमें à¤à¥€ सबसे बà¥à¤°à¥€ बात उस अपराधी की अकड़ है।पà¥à¤²à¤¿à¤¸ हिरासत में जैसे वो अपराधी हà¤à¤¸ रहा था और अकड़ दिखा रहा था,वो सारे हिनà¥à¤¦à¥à¤“ के मà¥à¤à¤¹ पर à¤à¤• तमाचा है।वो अपराधी जानता है कि उसके इस कारà¥à¤¯ के लिये उसकी कौम उसे हीरो के रूप में देखेगी और उसका हर तरह से साथ देगी।जमीयते उलेमा ठहिनà¥à¤¦ उसका मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾ लड़ेगी और किसी हिनà¥à¤¦à¥‚ को उसके विरà¥à¤¦à¥à¤§ गवाही नहीं देने दिया जाà¤à¤—ा।यह नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ का मजाक है इस देश में।होना तो यह चाहिये कि जिस तरह से उस अपराधी ने हमारी बेटी की हतà¥à¤¯à¤¾ की है,उसको à¤à¥€ उसी तरह जलाकर मारे जाने की सजा नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी जानी चाहिये।इसके लिये संविधान में जो à¤à¥€ उचित संशोधन हो,वो किया जाना चाहिये। उपवास में डॉ उदिता तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी,आचारà¥à¤¯ पवनकृषà¥à¤£ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€,अवनीश तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी,मोहित चौहान तथा अनà¥à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥‚ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।