Latest News

चमोली में उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की बैठक


उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के क्रम में यात्रा मार्ग पर अश्वंशीय पशु (घोडे-खच्चर) परिवहन हेतु अधिकतम अनुमन्य धारिता क्षमता के निर्धारिण हेतु सोमवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की बैठक हुई। पशु कल्याण बोर्ड द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने जनपद के हेमकुंड यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के संबंध में संयुक्त निरीक्षण कर अपनी आख्या जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 05 सितंबर,2022,मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के क्रम में यात्रा मार्ग पर अश्वंशीय पशु (घोडे-खच्चर) परिवहन हेतु अधिकतम अनुमन्य धारिता क्षमता के निर्धारिण हेतु सोमवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की बैठक हुई। पशु कल्याण बोर्ड द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने जनपद के हेमकुंड यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के संबंध में संयुक्त निरीक्षण कर अपनी आख्या जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की। समिति के सदस्यों ने बताया कि हेमकुंड यात्रामार्ग पर यात्री एवं सामान ढुलान हेतु अधिकतम 75 घोड़ा-खच्चर प्रति कि.मी. का प्रयोग करने से आवागमन की सुविधा रहेगी। उन्होंने पशुओं के पंजीकरण और एक घोडा-खच्चर पर एक हॉकर अथवा एक मालिक रखने का नियम लागू करने का सुझाव भी दिया। साथ ही आगामी वर्षों में अश्व स्वामियों को यात्रा मार्ग पर अनुमति की प्रक्रिया में सर्वप्रथम पशु चिकित्साधिकारी द्वारा पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं बीमा कराने की बात रखी। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि हेमकुंड यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार कोई क्रूरता न हो इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर घोडे-खच्चरों की सुविधा के लिए जो भी आधारभूत संरचना एवं संशाधनों की आवश्यकता है, उसकी सूची उपलब्ध करें। यात्रा मार्ग पर संचालित सभी घोडे-खच्चरों का इसी सीजन में अनिवार्य रूप से बीमा कराना सुनिश्चित करें। ताकि पशुहानि होने पर संचालकों को आर्थिक सहायता दी जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर पशु चिकित्सक की तैनाती रखते हुए पशुओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, घोडा पडाव की उचित सुविधा, पशुओं के लिए गर्म पेयजल और चारे की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाए। हेमकुंड यात्रामार्ग पर अश्ववंशीय पशुओं के संचालन के संबध में जिला पंचायत को वायलाज तैयार के निर्देश भी दिए। कहा कि बिना पंजीकरण एवं रजिस्ट्रेशन के यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों का संचालन न किया जाए। इस दौरान सभी पहलुओं पर चर्चा करते हुए हेमकुंड यात्रा मार्ग पर घोडे-खच्चरों की यात्री एवं सामान ढुलान के लिए अधिकतम अनुमन्य धारिता क्षमता 75 प्रति कि.मी. निर्धारित की गई।

Related Post