कथा के चतà¥à¤°à¥à¤¥ दिवस à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा का रसपान कराते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ महंत सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤‚द शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि संसार में सà¤à¥€ रिशà¥à¤¤à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ हैं। मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ पड़ने पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अपने à¤à¥€ पराठहो जाते हैं। à¤à¤¸à¥‡ समय में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤—वान की शरण में ही जाना पड़ता है और शरणागत की रकà¥à¤·à¤¾ करने के लिठà¤à¤—वान सदैव ततà¥à¤ªà¤° रहते हैं जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ में पड़े गजराज की पà¥à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤•à¤° मगरमचà¥à¤› से रकà¥à¤·à¤¾ की थी।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ à¤à¤—वत कथा मरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤‚द शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ लोगों से à¤à¤°à¥€ पड़ी है। मतलब निकलने बाद लोग पहचानते ही नहीं है। à¤à¤¸à¥‡ में मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ में पड़े वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ईशà¥à¤µà¤° का सहारा शेष रह जाता है और ईशà¥à¤µà¤° à¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤ की पà¥à¤•à¤¾à¤° पर मदद के लिठसदैव मौजूद रहते हैं। गौरतलब है कि शà¥à¤°à¥€ मदà¥à¤à¤¾à¤—वत जयंती के पावन अवसर पर गà¥à¤°à¥‚ मंडलाशà¥à¤°à¤®, के गà¥à¤°à¥‚देव लोक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤¨, देवपà¥à¤°à¤¾, हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में चल रही शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ यजà¥à¤ž का विशाल आयोजन किया जा रहा है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत नाम पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ महंत सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤‚द शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज,( शà¥à¤°à¥€ गोपालजी मंदिर, पतà¥à¤¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¾, शà¥à¤°à¥€ धाम वृंदावन) के मà¥à¤–ारविंद से शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा की अमृत धारा बह रही है।‌ कथा के चतà¥à¤°à¥à¤¥ दिवस à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा का रसपान कराते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ महंत सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤‚द शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि संसार में सà¤à¥€ रिशà¥à¤¤à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ हैं। मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ पड़ने पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अपने à¤à¥€ पराठहो जाते हैं। à¤à¤¸à¥‡ समय में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤—वान की शरण में ही जाना पड़ता है और शरणागत की रकà¥à¤·à¤¾ करने के लिठà¤à¤—वान सदैव ततà¥à¤ªà¤° रहते हैं जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ में पड़े गजराज की पà¥à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤•à¤° मगरमचà¥à¤› से रकà¥à¤·à¤¾ की थी। कथा शà¥à¤°à¤µà¤£ करने वालों में शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤¸ दास, विजय कà¥à¤®à¤¾à¤° शरà¥à¤®à¤¾, कृषà¥à¤£ घनशà¥à¤¯à¤¾à¤® अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², अशोक शरà¥à¤®à¤¾, रामू अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², बलà¥à¤²à¥‚ शाह, राजकà¥à¤®à¤¾à¤° अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², ऋषिकेश मिशà¥à¤°, राधा कृषà¥à¤£ अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², रà¥à¤ªà¥‡à¤¶ अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², गणेश अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², हरिनारायण पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ राम कà¥à¤®à¤¾à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, सà¥à¤à¤¾à¤· अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², नरसिंह अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², राम à¤à¤œ अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², गजानंद शरà¥à¤®à¤¾, परमेशà¥à¤µà¤° कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€, फतेह चंद अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², सतीश चंद जैन, शैलेंदà¥à¤° पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€, नरेश कà¥à¤®à¤¾à¤°, सिंगर गीता अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², विमलाबाई, कसà¥à¤¤à¥‚रीबाई सीमा अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² सहित अनà¥à¤¯ लोग मौजूद रहे।