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अस्तित्व से भयभीत महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी 17 और 18 दिसम्बर को आयोजित करेंगे धर्म संसद


सभी साधु संतों ने आपस मे विचार विमर्श करके यह तय किया कि इस्लामिक जिहाद की विकरालता के विरुद्ध अगर हम कुछ कर नहीं सकते तो भी हमे हिम्मत नही हारनी है।आने वाली पीढ़ियों को ये पता चलना चाहिये कि जब भारतवर्ष की सारी राजनीति,न्यायपालिका,पुलिस प्रशासन और उद्योग जगत इस्लाम के जिहादियों के समक्ष नत मस्तक हो चुका था,तब भी कुछ छोटे मोटे साधु अपने अंजाम से बेखौफ होकर सच के लिये लड़ और मिट रहे थे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

आज शिव मंदिर बालाजी धाम हिण्डन बिहार के श्रीमहंत स्वामी मछेन्द्र पूरी महाराज का आज शिवशक्ति धाम डासना में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर अनेक साधु संत भी शिवशक्ति धाम डासना में उपस्थित थे। सभी साधु संतों ने आपस मे विचार विमर्श करके यह तय किया कि इस्लामिक जिहाद की विकरालता के विरुद्ध अगर हम कुछ कर नहीं सकते तो भी हमे हिम्मत नही हारनी है।आने वाली पीढ़ियों को ये पता चलना चाहिये कि जब भारतवर्ष की सारी राजनीति,न्यायपालिका,पुलिस प्रशासन और उद्योग जगत इस्लाम के जिहादियों के समक्ष नत मस्तक हो चुका था,तब भी कुछ छोटे मोटे साधु अपने अंजाम से बेखौफ होकर सच के लिये लड़ और मिट रहे थे। इस अवसर पर शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि इस समय हिन्दुओ के लिये बहुत ही कठिन समय है।आज जबकि सम्पूर्ण विश्व की इस्लामिक शक्तियां हिन्दुओ की अंतिम शरणस्थली भारतवर्ष को निगलने के लिये तैयार बैठी हैं और भारत का सम्पूर्ण राजनैतिक तंत्र इस्लाम के जिहादियों के समक्ष दयनीय समर्पण कर चुका है,ऐसे में किसी ना किसी को तो अपना बलिदान देकर सनातन धर्म की ज्वाला को प्रचंड करना ही पड़ेगा।माँ और महादेव की कृपा अगर मुझ पर हो जाये और मेरा बलिदान लेकर सनातन की रक्षा का मार्ग प्रशस्त हो तो मेरे लिये इससे बढ़कर सौभाग्य की बात कुछ भी नही हो सकती।अगर इस समय हम शांत रहे तो इस्लाम का ज़िहाद हिन्दुओ की इस अंतिम शरणस्थली में भी हिन्दुओ का नामोनिशान मिटा देगा।अगर हम कुछ और कर नही सकते तो कम से कम इसके विरुद्ध खड़े तो हो ही सकते हैं। इन सब परिस्थितियों पर विचार करने के लिये 17 और 18 दिसम्बर 2022 को शिवशक्ति धाम डासना में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा जिसमे देश के सभी प्रमुख साधु संतों और हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा। इस अवसर पर कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी महाराज ने कहा कि जिस तरह से इस्लाम के ज़िहाद का प्रकोप भारत मे बढ़ता जा रहा है,यह बहुत ही चिंता की बात है।पर इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि हिन्दू समाज इसका प्रतिकार करने के स्थान पर दयनीय रूप से समर्पण करता जा रहा है।आज सम्पूर्ण विश्व मे केवल शिवशक्ति धाम डासना ही एकमात्र ऐसा स्थान रह गया है जहाँ इस्लाम के जिहादियों द्वारा हिन्दुओ पर किये जा रहे अत्याचारों की निर्भय होकर चर्चा की जा सकती है।इसीलिये अब यह धर्म संसद केवल शिवशक्ति धाम डासना में ही आयोजित की जाएगी जहाँ सभी वक्ता कम से कम अपनी पीड़ा तो व्यक्त कर सकें। इस अवसर पर बड़ी मात्रा में हिन्दू कार्यकर्ताओं के अलावा सन्त भी उपस्थित थे जिनमें स्वामी कृष्णानंद गिरी,बालयोगी ज्ञाननाथ जी,यति कृष्णानंद गिरी,स्वामी ब्रह्मानंद पूरी, स्वामी रामस्वरूपनन्द सरस्वती तथा अन्य उपस्थित थे।

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