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मुख्यमंत्री पौड़ी में श्री हरि मंदिर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में हिमालय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री हरि मंदिर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, हिमालय के संरक्षण हेतु शपथ दिलवाई एवं श्रीमदभगवद्द् गीता के ऊपर संक्षेप व सरल भाषा में लिखी गई पुस्तक का विमोचन भी किया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 09 सितम्बर, 2022, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में हिमालय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री हरि मंदिर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, हिमालय के संरक्षण हेतु शपथ दिलवाई एवं श्रीमदभगवद्द् गीता के ऊपर संक्षेप व सरल भाषा में लिखी गई पुस्तक का विमोचन भी किया। ‘’इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय के प्राकृतिक जल स्रोतों धारों, नौलों के अध्ययन, संरक्षण और संवर्धन के लिए एक कमेटी के गठन किए जाने की बात कही, जो विभिन्न प्रयासों से हिमालय के प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने और संरक्षित करने का बहुमूल्य सुझाव देगी।’‘ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय के संरक्षण में हम सभी की भागीदारी जरूरी है। सरकार के दोनों दायित्व तय हैं, जहां एक ओर हिमालय के संरक्षण के प्रति गंभीर रहना है, तो दूसरी ओर विकास के प्रति भी उतना ही दायित्व निभाना है, ताकि हिमालय का पर्यावरण सुरक्षित रहे और यहाँ के निवासियों की आर्थिकी भी। उन्होंने समूचे हिमालय से जुड़े राज्यों के लिए यहाँ की अलग भौगोलिक और स्थानीय परिस्थिति के अनुकूल अलग विकास मॉडल की पैरवी करते हुए आम जनमानस से हिमालय के पर्यावरण के संरक्षण में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमने नीति आयोग की बैठक में भी हिमालय के महत्वपूर्ण सरोकारों से जुड़े मुद्दों को साझा किया और इस संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव और प्रस्ताव साझा किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में सतत और समावेशी विकास की आवश्यकता है। इसलिए हम इकॉलोजी एवं इकोनॉमी दोनों में संतुलन साधकर चल रहे हैं। जलवायिक बदलावों से सिर्फ प्रकृति ही नहीं बल्कि समाज भी प्रभावित हो रहा है। हम अपने समन्वित प्रयासों और भागीदारी से ही पर्यावरणीय बदलाव की चुनौती से पार पा सकते हैं।

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