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गणेश विसर्जन प्रतिबंधित होते हुए भी हजारों गणेश प्रतिमाएं गंगा में विसर्जित हुई, एक प्रतिमा भी गड्डों में विसर्जित नहीं करा पाया प्रशासन


मूर्ति विसर्जन करने वाले लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने गड्ढों में ना तो पानी भरवाया गया और ना ही उनकी गहराई है और जहां गड्ढे खोदे हैं वहां पर बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं ऐसे में मूर्तियों को कैसे विसर्जन करें| अन्य घाटों पर मूर्तियों के विसर्जन करने वाले लोगों का कहना है कि हमें पता ही नहीं है कि मूर्तियों को कहां विसर्जन करना है हमने ऐसा कोई आदेश ना सुना है और ना ही पड़ा है जैसे हम पहले से भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जन करते आए हैं वैसे ही कर रहे हैं|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार में अनंत चतुर्दशी पर हजारों गणेश की प्रतिमाओं को मां गंगा में विसर्जन किया गया | मां गंगा के पवित्र जल को प्रदूषण से बचाने को लेकर हरिद्वार जिला अधिकारी ने आदेश जारी किया था कि गणेश उत्सव के दौरान गंगा में किसी भी कीमत पर गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जाएगा | विसर्जन को लेकर बैरागी कैंप, एल पॉइंट, वीआईपी घाट के सामने गड्ढे भी खुदवाये गए थे लेकिन पूरे गणेश उत्सव के दौरान उन गड्ढों में एक भी मूर्ति विसर्जित नहीं हुई | मूर्ति विसर्जन करने वाले लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने गड्ढों में ना तो पानी भरवाया गया और ना ही उनकी गहराई है और जहां गड्ढे खोदे हैं वहां पर बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं ऐसे में मूर्तियों को कैसे विसर्जन करें| अन्य घाटों पर मूर्तियों के विसर्जन करने वाले लोगों का कहना है कि हमें पता ही नहीं है कि मूर्तियों को कहां विसर्जन करना है हमने ऐसा कोई आदेश ना सुना है और ना ही पड़ा है जैसे हम पहले से भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जन करते आए हैं वैसे ही कर रहे हैं| जबकि एनजीटी के सख्त आदेश है मां गंगा में किसी भी तरह की प्रतिमा विसर्जित ना किया जाए लेकिन हरिद्वार जिला प्रशासन इस को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दिया जिसकी वजह से आज हरिद्वार के भूपतवाला से लेकर गोविंदपुरी, रानीपुर मोड़, ज्वालापुर बहादराबाद तक बने स्नान घाटों पर हजारों गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया जिसमें जिला प्रशासन रोकने में नाकाम साबित हुआ एनजीटी एवं शासनादेश के आदेश अनुसार उत्सवों के दौरान जिला प्रशासन प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक करेगा और किसी भी कीमत पर गंगा जी में किसी भी प्रकार की प्रतिमा एवं धार्मिक सामग्री डालना प्रतिबंधित बताया गया है उल्लंघन करने पर जुर्माना एवं 5 वर्ष की सजा का भी प्रावधान है लेकिन यहां के जिला प्रशासन ने न तो कोई प्रचार-प्रसार कराया और ना ही मूर्ति विसर्जन स्थलों पर बोर्ड लगवाया गया एवं नाही गड्ढों में पानी भरवाया गया जिसकी वजह से लोगों ने गंगा के प्रत्येक घाट पर हजारों गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया प्रशासन विज्ञप्ति जारी कर अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से उन गड्ढों में एक भी प्रतिमा विसर्जित नहीं हुई सभी जहरीली पेरिस प्लास्टर से बनी गणेश प्रतिमाएं मां गंगा के पवित्र जल में ही विसर्जित की गई जिसकी वजह से मां गंगा का पवित्र जल दूषित हुआ और गंगा में लाखों मछलियों को अपने प्राण गवाने पड़े|

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