हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सात पà¥à¤°à¥€ में से à¤à¤• पà¥à¤°à¥€ है जो पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में मायापà¥à¤°à¥€ के नाम से विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ थी अब हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के नाम से जाना जाता है यह तीरà¥à¤¥ पितà¥à¤° कारà¥à¤¯ के लिठबहà¥à¤¤ विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ है बताया जाता है कि पूरे विशà¥à¤µ में तीन ही à¤à¤¸à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हैं जहां पर पितà¥à¤° कारà¥à¤¯ किया जाता है पà¥à¤°à¤¥à¤® गया दूसरा हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° नारायणी शिला और तीसरा बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® कपाल इन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पितरों की पूजा à¤à¤µà¤‚ पिंडदान करने से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ हो जाती है यहां नारायणी शिला à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤¶à¤¾à¤µà¥à¤°à¤¤ घाट पर पर पितृपकà¥à¤· के दौरान देश विदेश से लोग आकर अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ शांति के लिठपिंड दान, तरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤µà¤‚ यजà¥à¤ž करते हैं
रिपोर्ट - रामेशà¥à¤µà¤° गौड़
शà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ से 16 दिन रहेगा पितà¥à¤° पकà¥à¤· हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने के उपरांत शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने गंगा किनारे अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ शांति के लिठशà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§, तरà¥à¤ªà¤£, पिंडदान कर पितरों का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सात पà¥à¤°à¥€ में से à¤à¤• पà¥à¤°à¥€ है जो पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में मायापà¥à¤°à¥€ के नाम से विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ थी अब हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के नाम से जाना जाता है यह तीरà¥à¤¥ पितà¥à¤° कारà¥à¤¯ के लिठबहà¥à¤¤ विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ है बताया जाता है कि पूरे विशà¥à¤µ में तीन ही à¤à¤¸à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हैं जहां पर पितà¥à¤° कारà¥à¤¯ किया जाता है पà¥à¤°à¤¥à¤® गया दूसरा हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° नारायणी शिला और तीसरा बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® कपाल इन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पितरों की पूजा à¤à¤µà¤‚ पिंडदान करने से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ हो जाती है यहां नारायणी शिला à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤¶à¤¾à¤µà¥à¤°à¤¤ घाट पर पर पितृपकà¥à¤· के दौरान देश विदेश से लोग आकर अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ शांति के लिठपिंड दान, तरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤µà¤‚ यजà¥à¤ž करते हैं सनातन धरà¥à¤® में शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ पकà¥à¤· का बहà¥à¤¤ अधिक महतà¥à¤µ है। पितृ पकà¥à¤· के 15 दिनों में पितरों की पूजा, तरà¥à¤ªà¤£ और पिंडदान करने से पितृ देव पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होते हैं और उनकी आतà¥à¤®à¤¾ को शांति मिलती है। पितृ पकà¥à¤· के दौरान पितरों की पूजा और उनकी आतà¥à¤®à¤¾ की शांति के लिठतरà¥à¤ªà¤£ या पिंडदान करने की परंपरा निà¤à¤¾à¤ˆ जाती है। हिंदू धरà¥à¤® में पितरों के लिठ16 दिन विशेष होते हैं।