शारदापीठव जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पीठके जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद जी सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज के असामयिक निधन पर जूना अखाड़े के संतों नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में शोक की लहर दौड़ गई। आज जूना अखाड़ा में अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ महंत पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरी महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ व अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सचिव महेश पà¥à¤°à¥€ के संचालन में हà¥à¤ˆ शोकसà¤à¤¾ में संतों à¤à¤µà¤‚ नागा संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ शारदापीठव जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पीठके जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद जी सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज के असामयिक निधन पर जूना अखाड़े के संतों नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में शोक की लहर दौड़ गई। आज जूना अखाड़ा में अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ महंत पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरी महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ व अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सचिव महेश पà¥à¤°à¥€ के संचालन में हà¥à¤ˆ शोकसà¤à¤¾ में संतों à¤à¤µà¤‚ नागा संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि सà¤à¤¾ में शà¥à¤°à¥€ महंत पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरी महाराज ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देते हà¥à¤ कहा कि शंकराचारà¥à¤¯ महाराज के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होने पर समसà¥à¤¤ साधॠसमाज अतà¥à¤¯à¤‚त आहत है ।उनके मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ में सà¤à¥€ आखाड़े निरंतर उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ और पà¥à¤°à¤—ति करते रहे । ईशà¥à¤µà¤° उनकी आतà¥à¤®à¤¾ को शांति पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करें ।अखाड़े के अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संरकà¥à¤·à¤• व अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महामंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤‚त हरिगिरी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि जगदगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज के बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤²à¥€à¤¨ हो जाने से अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® जगत का à¤à¤• यà¥à¤— समापà¥à¤¤ हो गया है । अपनी विदà¥à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾, गरिमा, तथा उचà¥à¤š आचरण के धनी महाराज शà¥à¤°à¥€ साधॠसमà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ अखाड़े के मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤• थे । शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त महेश पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बताठगठमारà¥à¤— पर चलकर धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करने तथा समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सेवा करना ही उनको शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि होगी। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि सà¤à¤¾ में कोठारी महाकाल गिरी , शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बजरंग गिरी,थानापति राजेंदà¥à¤° गिरी, शà¥à¤°à¥€ महंत पशà¥à¤ªà¤¤à¤¿ गिरी , शà¥à¤°à¥€ महंत सà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ वशिषà¥à¤ गिरी, महंत à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤ªà¥à¤°à¥€ सहित कई संत à¤à¤µà¤‚ नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।Â