जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होने पर à¤à¥€à¤®à¤—ोड़ा सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जयराम आशà¥à¤°à¤® में संत समाज ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज के सानिधà¥à¤¯ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤µà¤‚ तपसà¥à¤¯à¤¾ की साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ बताया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 12 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होने पर à¤à¥€à¤®à¤—ोड़ा सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जयराम आशà¥à¤°à¤® में संत समाज ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज के सानिधà¥à¤¯ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤µà¤‚ तपसà¥à¤¯à¤¾ की साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ बताया। जयराम पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि जगतगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ महाराज करोड़ों सनातन हिंदू धरà¥à¤®à¤¾à¤µà¤²à¤‚बियों के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ के पà¥à¤‚ज और उनकी आसà¥à¤¥à¤¾ के जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ सà¥à¤¤à¤‚ठथे। वे उदार मानवतावादी संत थे। जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं से ओतपà¥à¤°à¥‹à¤¤ थे। सरà¥à¤µ समाज के लिठजिनके मन में असीम करà¥à¤£à¤¾ थी। à¤à¤¸à¥‡ जगतगà¥à¤°à¥ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज का बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होना à¤à¤• यà¥à¤— का अंत होना है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ की दासता से मà¥à¤•à¥à¤¤ कराने के लिठसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ आंदोलनों में बॠचà¥à¤•à¤° हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤•à¤¤à¤¾ अखंडता बनाठरखने में अपना सहयोग पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। संत समाज के इतिहास में उनका नाम सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में लिखा जाà¤à¤—ा। à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज राजà¥à¤¯ सरकार से यह मांग करता है कि उनकी आखिरी इचà¥à¤›à¤¾ को दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—त रखते हà¥à¤ जौली गà¥à¤°à¤¾à¤‚ट à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ का नाम जगतगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ महाराज के नाम पर रखा जाà¤à¥¤ आनंद पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ जगतगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज ने हिंदà¥à¤“ं का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के साधन का संचार संपूरà¥à¤£ मानवता में किया। करपातà¥à¤°à¥€ महाराज के सानिधà¥à¤¯ में रहकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· को सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का बोध कराया। à¤à¤¸à¥‡ उचà¥à¤š कोटि के महान संत à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज के इतिहास में सदैव अमर रहेंगे। महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रूपेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ महाराज ने कहा कि जगतगà¥à¤°à¥ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शंकराचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के कारण शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤• गिने जाते हैं और सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के सबसे बड़े धरà¥à¤® गà¥à¤°à¥à¤“ं में à¤à¤• है। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° से धारा 370 हटाने, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में हाइडà¥à¤°à¥‹ पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ का विरोध सहित यूनिफॉरà¥à¤® सिविल लॉ की वकालत करने समेत कई मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मांग उठाकर राम मंदिर निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठà¤à¥€ à¤à¤• लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी समाज को à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° में पिरोने में उनका अहम योगदान सà¤à¥€ को सà¥à¤®à¤°à¤£ रहेगा। पूरà¥à¤µ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृह राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिनà¥à¤®à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज ने जगतगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि सनातन धरà¥à¤® को शिखर तक पहà¥à¤‚चाने में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥‚पानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ महाराज का योगदान अतà¥à¤²à¥à¤¯ है। दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾ और जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पीठके शंकराचारà¥à¤¯ के रूप में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सदैव समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागृत किया और समाज से जात पात ऊंच-नीच जैसी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को मिटाकर समरसता का à¤à¤¾à¤µ बनाया। à¤à¤• संत à¤à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ सेनानी à¤à¤• आचारà¥à¤¯ और सनातन के धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ तक उनका वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ हमेशा करोड़ों धरà¥à¤®à¤¾à¤µà¤²à¤‚बियों के दिल में राज करता रहेगा। संत समाज à¤à¤¸à¥€ महान विà¤à¥‚ति को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार से à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ देने की मांग करता है। इस अवसर पर महंत देवानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रूपेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रविदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, महंत शिवानंद à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€, महंत गोविंद दास उदासीन, महंत शिवानंद, महंत तूफान गिरी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिहरानंद, महंत सà¥à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¥à¤£ मà¥à¤¨à¤¿, महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ à¤à¤—वत सà¥à¤µà¤°à¥‚प, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¤‚द शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, महंत दिनेश दास, महंत कृषà¥à¤£ मà¥à¤¨à¤¿, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ केशवानंद सहित कई संत महापà¥à¤°à¥à¤· उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।