पितà¥à¤° पकà¥à¤· में शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा शà¥à¤°à¤µà¤£ अनंत फलदाई है। राम à¤à¤•à¥à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के समà¥à¤®à¥à¤– à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम के चरितà¥à¤° का गà¥à¤£à¤—ान करने से हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ को शांति मिलती है, वहीं राम की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ की शकà¥à¤¤à¤¿ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤â€Œ पितà¥à¤° पकà¥à¤· में शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा शà¥à¤°à¤µà¤£ अनंत फलदाई है। राम à¤à¤•à¥à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के समà¥à¤®à¥à¤– à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम के चरितà¥à¤° का गà¥à¤£à¤—ान करने से हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ को शांति मिलती है, वहीं राम की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ की शकà¥à¤¤à¤¿ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होता है। गौरतलब है कि राधा रासबिहारी मंदिर कनखल हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• आचारà¥à¤¯ उदà¥à¤§à¤µ मिशà¥à¤° निरंजनी अखाड़े के सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आलोक गिरी महाराज की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से शà¥à¤°à¥€ बालाजी धाम सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¤¿ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨, नरà¥à¤®à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर जगजीतपà¥à¤°, कनखल में शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा का गà¥à¤£à¤—ान कर रहे है। शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा के दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ दिवस पर कथा वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ आचारà¥à¤¯ उदà¥à¤§à¤µ ने शिव विवाह का पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा पिता राजा दकà¥à¤· के विरोध के बावजूद माता सती ने शिव के साथ विवाह किया। शिव की बारात में à¤à¥‚त, पà¥à¤°à¥‡à¤¤, यकà¥à¤·, गनà¥à¤§à¤°à¥à¤µ, किनà¥à¤¨à¤° शामिल हà¥à¤à¥¤â€Œ इससे कà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होकर राजा दकà¥à¤· ने शिव के साथ सà¤à¥€ संबंध समापà¥à¤¤ कर लिà¤à¥¤ इसके बाद राजा दकà¥à¤· ने यजà¥à¤ž का आयोजन किया और शिव को नहीं बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ माता सती शिव की आजà¥à¤žà¤¾ के बिना यजà¥à¤ž में पहूंची । वहां पति का अपमान सहन नहीं कर सकी और यजà¥à¤žà¤•à¥à¤‚ड में आतà¥à¤®à¤¦à¤¾à¤¹ कर लिया। इसके बाद à¤à¤—वान शिव के आदेश पर वीरà¤à¤¦à¥à¤° ने यजà¥à¤ž को तहस नहस कर दिया और राजा दकà¥à¤· का सर काटकर अगà¥à¤¨à¤¿ में सà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾ कर दिया। बाद में सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होकर à¤à¤—वान शिव ने बकरे का सिर लगाकर राजा दकà¥à¤· को पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¨ दिया। आचारà¥à¤¯ उदà¥à¤§à¤µ ने कहा अहंकार के कारण दकà¥à¤· का विनाश हà¥à¤†, पति की आजà¥à¤žà¤¾ न मानने के सती को आतà¥à¤®à¤¦à¤¾à¤¹ करना पड़ा। कà¥à¤°à¥‹à¤§ में शिव ने यजà¥à¤ž को तहस नहस करवा दिया। अहंकार, माया और मोह में विनाश के कारक है। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करती है। इसलिठमनà¥à¤·à¥à¤¯ को सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤µ तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर ईशà¥à¤µà¤° की शरण में जाना चाहिà¤à¥¤ आचारà¥à¤¯ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा किशरणागत की रकà¥à¤·à¤¾ करने के लिठराम à¤à¤•à¥à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ सदैव ततà¥à¤ªà¤° रहते हैं। आचारà¥à¤¯ उदà¥à¤§à¤µ ने कहा कि राम नाम की महिमा अपरंपार है। राम नाम का जाप करने वाले à¤à¤•à¥à¤¤ के संग सदैव हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी विराजते हैं। à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¤—वान राम की कृपा से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी बल, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और विदà¥à¤¯à¤¾ को देने के साथ समसà¥à¤¤ कà¥à¤²à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ का हरण करते हैं। à¤à¥‚त, पà¥à¤°à¥‡à¤¤, पिसाच का à¤à¥€ à¤à¤¯ नहीं रहता। रोग दोष à¤à¥€ रामà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के पास नहीं फटकते। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को जीवित देवता की संजà¥à¤žà¤¾ दी गई है। जो à¤à¤—वान राम के आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ से सदैव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की रकà¥à¤·à¤¾ में लीन रहते हैं। केवल राम नाम का जाप करने से ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ के सà¤à¥€ मनोरथ पूरà¥à¤£ हो जाते हैं। इसमें तनिक वही संखà¥à¤¯à¤¾ नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा माया की à¤à¤¾à¤— दौड़ में à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ लोग हà¥à¤, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने जीवन काल में à¤à¤• बार à¤à¥€ राम कथा का शà¥à¤°à¤µà¤£ नहीं किया और माया के पीछे à¤à¤¾à¤—ते à¤à¤¾à¤—ते ही उनकी जीवन लीला समापà¥à¤¤ हो गई। मरणोपरांत à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ नहीं हो सकी। à¤à¤¸à¥‡ में उनके वंशजों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राम कथा का शà¥à¤°à¤µà¤£ करने से पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ को à¤à¥€ शांति पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगी।‌ इसलिठपितरों के निमितà¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ पकà¥à¤· में राम कथा का शà¥à¤°à¤µà¤£ करना अनिवारà¥à¤¯ है। ‌ राम कथा का शà¥à¤°à¤µà¤£ करने बालों में बाबा नीरज गिरी बाबा मनकामेशà¥à¤µà¤° गिरी दामोदर गिरी रिजवान संजीव राणा पंडित अà¤à¤¯ मिशà¥à¤°à¤¾ सहित अनà¥à¤¯ लोग शामिल रहे।