हिनà¥à¤¦à¥€ दिवस की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर देशवासियों को हिनà¥à¤¦à¥€ से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ का संदेश देते हà¥à¤¯à¥‡ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि ’’हिनà¥à¤¦à¥€, à¤à¤¾à¤·à¤¾ ही नहीं हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के दिलों की घड़कन à¤à¥€ है।’’ हिनà¥à¤¦à¥€, दिल की à¤à¤¾à¤·à¤¾ है और वह दिलों को जोड़ती है इसलिये हमें à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ के साथ दिल से जà¥à¥œà¤¨à¤¾ होगा और हर परिवार में हिनà¥à¤¦à¥€ को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देना होगा। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ बोले तथा à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¥€ को à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ से जोड़े। हम अपनी-अपनी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ जरूर बोले परनà¥à¤¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥€ सब को आनी चाहिये इसके लिये à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना होगा।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
ऋषिकेश, 13 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥€ दिवस की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर देशवासियों को हिनà¥à¤¦à¥€ से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ का संदेश देते हà¥à¤¯à¥‡ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि ’’हिनà¥à¤¦à¥€, à¤à¤¾à¤·à¤¾ ही नहीं हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के दिलों की घड़कन à¤à¥€ है।’’ हिनà¥à¤¦à¥€, दिल की à¤à¤¾à¤·à¤¾ है और वह दिलों को जोड़ती है इसलिये हमें à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ के साथ दिल से जà¥à¥œà¤¨à¤¾ होगा और हर परिवार में हिनà¥à¤¦à¥€ को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देना होगा। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ बोले तथा à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¥€ को à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ से जोड़े। हम अपनी-अपनी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ जरूर बोले परनà¥à¤¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥€ सब को आनी चाहिये इसके लिये à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना होगा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ की महान, विशाल, गौरवशाली सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और विरासत को सहेजने में हिनà¥à¤¦à¥€ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान है। हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से यà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ है। हिनà¥à¤¦à¥€ से जà¥à¥œà¤¨à¤¾ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ अपनी जड़ों से जà¥à¥œà¤¨à¤¾; अपने मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¤¨à¤¾ और अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ से है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हिनà¥à¤¦à¥€ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का इतिहास बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है। हिनà¥à¤¦à¥€, न केवल à¤à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ है बलà¥à¤•à¤¿ वह तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आतà¥à¤®à¤¾ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ जैसे विशाल और विविधताओं से यà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में हिनà¥à¤¦à¥€ न केवल संवाद सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने का à¤à¤• माधà¥à¤¯à¤® है बलà¥à¤•à¤¿ हिनà¥à¤¦à¥€ ने सदियों से हमारी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और साहितà¥à¤¯ को सहेज कर रखा है। à¤à¤¾à¤°à¤¤, बहà¥à¤à¤¾à¤·à¥€ देश है यहां पर हर सौ से दो सौ किलोमीटर पर अलग-अलग à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ और बोलियाठबोली जाती हैं और पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ का अपना à¤à¤• महतà¥à¤µ है परनà¥à¤¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥€ के विकास और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° की अपार संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤ हैं बस जरूरत है तो हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को दिल से सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने की।