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एम्स ऋषिकेश में "हाउ टू ग्रेड एविडेंस" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), आईसीएमआर एडवांस सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड चाइल्ड हेल्थ (चरण- II) और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के सहयोग से "हाउ टू ग्रेड एविडेंस" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया गया है कि पूरी तरह से विशेषज्ञ की राय पर आधारित उपचार और प्रबंधन में निम्नतम स्तर के साक्ष्य पाए गए हैं।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), आईसीएमआर एडवांस सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड चाइल्ड हेल्थ (चरण- II) और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के सहयोग से "हाउ टू ग्रेड एविडेंस" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया गया है कि पूरी तरह से विशेषज्ञ की राय पर आधारित उपचार और प्रबंधन में निम्नतम स्तर के साक्ष्य पाए गए हैं। साक्ष्य-आधारित चिकित्सा व्यक्तिगत रोगी मूल्यों और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए रोगी देखभाल और प्रबंधन में सर्वोत्तम साक्ष्य के सूक्ष्म, स्पष्ट और उचित उपयोग के माध्यम से नैदानिक ​​निर्णय लेने को बढ़ावा देती है। संस्थान में सीएमआर साक्ष्य आधारित बाल स्वास्थ्य केंद्र (आईसीएमआर ईबीसीसीएच), पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े शिक्षकों को शिक्षित करना और उन्हें बेहतर रोगी देखभाल में प्रभावी ढंग से योगदान देेने, उन्हें गुणवत्तापरक सेवा प्रशिक्षण एवं उनका कौशल विकास करना है। आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डा.) मीनू सिंह ने किया। इस अवसर पर अपने व्याख्यान में कार्यकारी निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह ने रोगियों के उपचार में साक्ष्य आधारित अभ्यास के महत्व पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने ग्रेड (सिफारिशों, मूल्यांकन, विकास और मूल्यांकन की ग्रेडिंग) की अवधारणा को भी पेश किया, जो साक्ष्य के सारांश को विकसित करने और प्रस्तुत करने के लिए एक पारदर्शी ढांचा है और नैदानिक ​​अभ्यास सिफारिशें करने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण प्रदान करता है। कार्यशाला को आईसीएमआर, नई दिल्ली की डॉ. अंजू सिन्हा, संस्थान की डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी व डीन रिसर्च प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने भी संबोधित किया। इस कार्यशाला में कुल 48 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान प्रतिभागियों ने एम्स संस्थान की अकादमिक गतिविधियों की अत्यधिक सराहना की। उन्होंने कार्यशाला के अनुभव साझा किए और बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से उन्हें व्यवस्थित समीक्षा और उच्चतम गुणवत्ता क मग्र जाकार एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के तौर पर एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर मीनू सिंह, आईसीएमआर, नई दिल्ली की डॉ. अंजू सिन्हा, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ की डॉ. मीनाक्षी सचदेवा, डॉ. रागिनी भाटिया, श्रीमती प्रणिता प्रधान, डॉ. विवेक सिंह मलिक, डॉ. अनिल चौहान आदि शामिल हुए। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने व्यवस्थित समीक्षा का परिचय, व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण करने के तौर तरीके, इलेक्ट्रॉनिक खोज और डेटाबेस, व्यवस्थित समीक्षा में प्रयुक्त संसाधन / उपकरण, ग्रेड दृष्टिकोण और कार्यप्रणाली, शामिल अध्ययनों में पूर्वाग्रह का जोखिम , निष्कर्ष तालिका का सारांश आदि विषयों पर व्याख्यामाला प्रतुत की। साथ ही इस दौरान ग्रेडप्रो सॉफ्टवेयर का एक लाइव प्रदर्शन किया गया। आयोजित कार्यशाला को नेशनल मेडिकल कॉलेज नेटवर्क (एनएमसीएन) के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग द्वारा ऑनलाइन मोड में कई और उपस्थित लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया।

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