Latest News

रामकथा से दूर होती है, मन की व्यथा: आचार्य उद्धव मिश्र


श्री सिद्ध बलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में चल रही नव दिवसीय रामकथा के तीसरे दिन आचार्य उद्धव मिश्र ने भक्तों के भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया। भगवान राम को बाल रूप में देखकर उपस्थितजन आनंद विभोर हो गये। भगवान राम के जन्म का प्रसंग सुनाते हुए आचार्य उद्धव ने कहा कि समस्त अयोध्या नगरी में उत्सव का माहौल व्याप्त हो गया।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार। श्री सिद्ध बलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में चल रही नव दिवसीय रामकथा के तीसरे दिन आचार्य उद्धव मिश्र ने भक्तों के भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया। भगवान राम को बाल रूप में देखकर उपस्थितजन आनंद विभोर हो गये। भगवान राम के जन्म का प्रसंग सुनाते हुए आचार्य उद्धव ने कहा कि समस्त अयोध्या नगरी में उत्सव का माहौल व्याप्त हो गया। महाराजा दशरथ एवं उनकी तीनों रानियों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा ‌। प्रजा ने भी हर्षोल्लास के साथ नाच गाकर भगवान राम के आगमन का जश्न मनाया। भगवान राम के जन्म को लेकर देवता, ऋषि, मुनि, यक्ष, गंधर्व, किन्नर सभी लोग उत्साहित थे क्योंकि पृथ्वी को रावण के पापों से मुक्ति दिलाने के लिए अवतारी राम का जन्म हुआ था। राम लला के जयकार धरती आकाश गूंजायमान मांग हो उठा। उन्होंने कहा कि आज की राम कथा में भजन भगवान श्रीराम का जन्म उत्सव पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाते हैं। भगवान राम जैसा पुत्र, भाई, मित्र बांधव की सभी लोग कामना करते हैं। श्रीराम कथा का महत्व समझाते हुए कहा कि रामकथा का श्रवण करने से मनुष्य के मन की व्यथा दूर होती है। श्री राम कथा से मनुष्य में सद्गुणों का विकास होने से नकारात्मक विचारों का नाश होता है और मनुष्य चिंता मुक्त होकर हर्ष और उल्लास के साथ अपना जीवन व्यतीत करता है। आचार्य उद्धव ने कहा भगवान राम संसार में मर्यादा की स्थापना करने के लिए प्रकट हुए थे। मर्यादा की रक्षा के लिए उन्होंने राजपाट, घर द्वार, यहां तक कि अपनी पत्नी सीता का भी त्याग कर दिया था। प्रजा की भलाई के लिए रामराज्य की स्थापना की। त्रेता के राम कलयुग में आदर्श के उच्च मापदंड स्थापित किए हुए हैं। आचार्य उद्धव ने कहा कि समय परिवर्तन के साथ लोगों के विचार बदल गये है। आधुनिक बनने की चाहत में परंपराओं को बिसराने लगे हैं। इसकी चलते लोगों को तमाम कष्ट उठाने पड़ रहें हैं। ऐसे में भगवान राम की शरण में जाने से ही लोगों के कष्टों का अंत हो सकता है। हनुमान जी महाराज सभी राम भक्तों की सेवा के लिए हाजिर रहते हैं। राम नाम की महिमा अपरंपार है जिसका भजन और श्रवण करने से मनुष्य तमाम कष्टों से मुक्ति आ सकता है। एक राम नाम ही सत्य है बाकी सब गत है। ‌ कथा श्रवण करने वालों में संजीव राणा, सुरेखा देवी, राजबाला देवी, मनकामेश्वर गिरी, बाबा नीरज गिरी दामोदर गिरी पं अभय मिश्रा, सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Related Post