सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾ मंदिर इणà¥à¤Ÿà¤° कॉलेज मायापà¥à¤° में बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° सांयकाल को परिवार पà¥à¤°à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का तृतीय संसà¥à¤•à¤°à¤£ ककà¥à¤·à¤¾ 10 और ककà¥à¤·à¤¾ 11 के à¤à¥ˆà¤¯à¤¾/बहिनों à¤à¤µà¤‚ अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ के साथ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठअतिथियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ माठसरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के समà¥à¤®à¥à¤– दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤‚ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वनà¥à¤¦à¤¨à¤¾ के साथ हà¥à¤†à¥¤
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾ मंदिर इणà¥à¤Ÿà¤° कॉलेज मायापà¥à¤° में बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° सांयकाल को परिवार पà¥à¤°à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का तृतीय संसà¥à¤•à¤°à¤£ ककà¥à¤·à¤¾ 10 और ककà¥à¤·à¤¾ 11 के à¤à¥ˆà¤¯à¤¾/बहिनों à¤à¤µà¤‚ अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ के साथ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठअतिथियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ माठसरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के समà¥à¤®à¥à¤– दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤‚ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वनà¥à¤¦à¤¨à¤¾ के साथ हà¥à¤†à¥¤ अविà¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ के परिचय के बाद मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ चिरंजीव विà¤à¤¾à¤— पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• आरà¤à¤¸à¤à¤¸ ने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ संयà¥à¤•à¥à¤¤ परिवार के महतà¥à¤µ को समà¤à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में परिवार बहà¥à¤¤ छोटे-छोटे होते जा रहे है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤• बालक का सबसे पहला गà¥à¤°à¥ उसकी माता होती है जो बालक के अंदर अपने परिवार के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ और समाज के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ जागरूक करती है और जब बालक के अंदर à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤¾à¤µ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होते है तो वह अपने परिवार के लिठऔर समाज के लिठकरने में सकà¥à¤·à¤® हो जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि दिन में à¤à¤• बार à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¤• साथ करे à¤à¤µà¤® मंगल चरà¥à¤šà¤¾ करें। तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वेश अवशà¥à¤¯ पहने, अपनी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का अधिकतर पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें। à¤à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में à¤à¤¾à¤·à¤¾, à¤à¥‚षा, à¤à¤œà¤¨, à¤à¥à¤°à¤®à¤£, à¤à¤µà¤¨ और à¤à¥‹à¤œà¤¨ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान होता है और इन सà¤à¥€ से सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बनती है। मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि डॉ. विजयपाल सिंह जी पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ निरीकà¥à¤·à¤• विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚चल ने कहा कि विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ केवल शिकà¥à¤·à¤£ देने का कारà¥à¤¯ ही नही करती अपितॠदेश की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ का कारà¥à¤¯ à¤à¥€ करती है और à¤à¤¸à¤¾ वह अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के बालकांे को शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करके करती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बचाये रखने का मà¥à¤–à¥à¤¯ आधार परिवार है यदि परिवार संयà¥à¤•à¥à¤¤ होगा तà¤à¥€ हम अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बनाये रख सकते हैं। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ बालकृषà¥à¤£ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की सराहना करते हà¥à¤ कहा कि इस समय पूरे देश à¤à¤° में विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ परिवार पà¥à¤°à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® चलाया जा रहा है जो सà¤à¥€ परिवारों को à¤à¤• दिशा देने का कारà¥à¤¯ करेगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संसà¥à¤•à¤¾à¤° हमारे जीवन में परम आवशà¥à¤¯à¤• हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ की पहचान होती है। हम चाहे जितनी योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लें लेकिन संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¹à¥€à¤¨ हैं तो अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ मारà¥à¤— से à¤à¥€ à¤à¤Ÿà¤• जायेंगे। इस मौके पर पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ अजय सिंह पंवार ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ का विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिवार की ओर से आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में शैलेनà¥à¤¦à¥à¤° रतूड़ी, कृषà¥à¤£ गोपाल रतूड़ी, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ सिंह, मनीष धीमान, विपिन राठौर, अमà¥à¤¬à¤°à¥€à¤·, सोनी, गीता सहित आचारà¥à¤¯ गण उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।