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जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, परमार्थ निकेतन और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में नई दिल्ली में फेथ लीडर्स क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, स्वामी माधवप्रियदास , अध्यक्ष स्वामीनारायण गुरुकुल, अहमदाबाद, डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती , अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, कथाकार मुरलीधर जी महाराज, बौद्ध धर्मगुरू भिक्खु संघसेना, महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र लद्दाख, शंकर कुमार सान्याल, अध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ, आचार्य किनले, एचएच ड्रिकुंग क्याबगों चेतसांग और ड्रिकुंग काग्यू संस्थान के प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि, जीवा, परमार्थ निकेतन, भारत के प्रतिनिधि और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग कर जलवायु परिवर्तन और कोविड- 19 टीकाकरण के प्रति जनसमुदाय और युवाओं को जागरूक करते हेतु कार्ययोजनायें बनायी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

15 सितंबर, 2022, ऋषिकेश। ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, परमार्थ निकेतन और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में नई दिल्ली में फेथ लीडर्स क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, स्वामी माधवप्रियदास , अध्यक्ष स्वामीनारायण गुरुकुल, अहमदाबाद, डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती , अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, कथाकार मुरलीधर जी महाराज, बौद्ध धर्मगुरू भिक्खु संघसेना, महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र लद्दाख, शंकर कुमार सान्याल, अध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ, आचार्य किनले, एचएच ड्रिकुंग क्याबगों चेतसांग और ड्रिकुंग काग्यू संस्थान के प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि, जीवा, परमार्थ निकेतन, भारत के प्रतिनिधि और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग कर जलवायु परिवर्तन और कोविड- 19 टीकाकरण के प्रति जनसमुदाय और युवाओं को जागरूक करते हेतु कार्ययोजनायें बनायी। विभिन्न धर्मो के धर्मगुरू अपनी कथाओं, प्रवचनों, कथामंचों और अन्य प्रार्थना पद्धतियों के मंच से उपरोक्त विषयों के प्रति जनसमुदाय और युवाओं के लिये संदेश प्रसारित करेंगे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती है एवं इससे निपटना भी वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता है। स्वामी जी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और इसके अपरिवर्तनीय प्रभावों के कारण उत्पन्न समस्यायें कोविड-19 की तुलना में मानवता के लिये कहीं अधिक बड़ी समस्या हो सकती है। जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के स्तर में वृद्धि और ग्लेशियरों के पिघलने के प्रभाव भी अनेक वर्षों तक जारी रहेंगे इसलिये कार्बन उत्सर्जन में भारी और तत्काल कटौती करने की आवश्यकता है। मैने अपनी आइसलैंड की यात्रा में देखा कि पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होने से हिमनद पिघल रहे हैं और महासागरों का जल स्तर बढ़ता जा रहा, प्राकृतिक आपदाओं और कुछ द्वीपों के डूबने का खतरा भी बढ़ रहा है इसलिये हम सभी को मिलकर इस ओर कार्य करने की जरूरत है। ज्ञात हो कि ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा) दुनिया की पहली पहल में से एक है जो एक ऐसी दुनिया बनाने के प्रयासों में सहयोगी के रूप में इस ग्रह के अनेक धर्मों और धर्मगुरूओं को एक मंच प्रदान करती है जहां हर व्यक्ति की पहंुच स्वच्छ, सुरक्षित पेयजल, बेहतर और उचित स्वच्छता तक हो।

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