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त्याग, तपस्या एवं सामाजिकता की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज: राजराजेश्वराश्रम


उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था बाबा हरिहर धाम भागीरथी नगर भूपतवाला में आयोजित ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज की पुण्यतिथि पर तीर्थनगरी के अखाड़ों, महामंडलेश्वरों, संतों-महंतों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज त्याग, तपस्या व सामाजिकता की प्रतिमूर्ति थे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 18 सितम्बर। उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था बाबा हरिहर धाम भागीरथी नगर भूपतवाला में आयोजित ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज की पुण्यतिथि पर तीर्थनगरी के अखाड़ों, महामंडलेश्वरों, संतों-महंतों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज त्याग, तपस्या व सामाजिकता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने जीवन पर्यन्त सनातन धर्म व संस्कृति को बढ़ाने का कार्य किया। उक्त उदगार शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहे। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज एक समाजसेवी संत थे। उन्होंने जीवन पर्यन्त सामाजिकता को महत्व दिया और उनके अंदर सेवा समर्पण निष्ठा भाव का अटूट संगम था उसी से वे संत समाज के साथ साथ सर्व समाज के प्रिय संत बन गए। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज ने तीर्थनगरी के संतों को एकसूत्र में पिरोने का काम किया। उन्होंने जीवन भर संत समाज के साथ-साथ सर्व समाज को जोड़ने का काम किया। वे सभी संतों-महंतों, अखाड़ों के प्रिय थे उसी का परिणाम है कि ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज की पुण्यतिथि पर तीर्थनगरी के संतों-महंतों, अखाड़ों और महामंडलेश्वरांे ने अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित कर पुण्य आत्मा की शांति हेतु भगवान से प्रार्थना की। ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज की पुण्यतिथि कार्यक्रम के आयोजक जूना अखाड़ा के सचिव वरिष्ठ श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज ने जीवन पर्यन्त मित्र धर्म निभाया और संतांे के बीच मित्रता का रस भाव भरा। उन्होंने जीवन भर श्रीकृष्ण और अर्जुन की मित्रता को महत्व दिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती जैसे संतांे-महंतांे की कर्तव्य परायणता, सहजता, सरलता और सामाजिकता से सनातन धर्म का संरक्षण संवर्धन हो रहा है। पुण्यतिथि कार्यक्रम के संयोजक महंत कमलदास महाराज ने पुण्यतिथि श्रद्धांजलि समारोह में पधारे अखाड़ों, महांडलेश्वर व संतों महंतों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। ब्रह्मलीन महंत विजयानंद भारती महाराज को महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, बड़ा अखाड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज, महामंडलेश्वर नवलकिशोर दास महामंडलेश्वर कथा व्यास डॉ मुक्तानंद महाराज, म.मं. डॉ. प्रेमानंद, महंत दर्शनदास महाराज, म.मं. रूपेंद्रप्रकाश, म.मं. चिंदविलासानंद सरस्वती, श्रीमहंत देवानंद सरस्वती, श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज, महंत विष्णुदास, म.मं. अनंतानंद, म.मं. शिवशंकर गिरि, म.मं. भगवत स्वरूप, म.मं. ललितानंद गिरि, म.मं. श्यामसुंदर दास महाराज, जूना अखाड़ा के सचिव महेश पुरी, महंत हीरा भारती, महंत राधा गिरि, महंत राममुनि, महंत दर्शनदास, महंत गोविंद दास, महंत रविदेव शास्त्री, महंत ओम प्रकाश शास्त्री, साध्वी कमला सहित नगर निगम के भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरुद्ध भाटी, पार्षद अनिल मिश्रा, विदित शर्मा, सचिन अग्रवाल, आकाश भाटी, ओ.पी. बंसल, डा. प्रशांत सैनी, शिवदास दुबे, विनोद सैनी, दिनेश कुमार, मेघराज सैनी, प्रियंका, मंजू सिंह सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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