शांतिकà¥à¤‚ज में शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ पकà¥à¤· में निःशà¥à¤²à¥à¤• सामूहिक शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ संसà¥à¤•à¤¾à¤° का आयोजन होता है। इसी शृंखला में मातृ नवमी के अवसर पर कई हजारों साधकों ने दस पारियों में अपने पितरों की याद में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ संसà¥à¤•à¤¾à¤° समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, १९ सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ शांतिकà¥à¤‚ज में शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ पकà¥à¤· में निःशà¥à¤²à¥à¤• सामूहिक शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ संसà¥à¤•à¤¾à¤° का आयोजन होता है। इसी शृंखला में मातृ नवमी के अवसर पर कई हजारों साधकों ने दस पारियों में अपने पितरों की याद में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ संसà¥à¤•à¤¾à¤° समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ किया। इस दौरान आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने कहा कि पौधारोपण, पंचबलि यजà¥à¤ž, सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° आदि कई à¤à¤¸à¥‡ कारà¥à¤¯ हैं, जिससे इहलोक-परलोक सà¥à¤§à¤°à¤¤à¤¾ है और समाज को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ मिलती है। पितरों के समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ पकà¥à¤· में उनके निमितà¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ संसà¥à¤•à¤¾à¤° करना हिनà¥à¤¦à¥ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की महान परंपराओं में से à¤à¤• है। इस समय अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की याद में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤¾à¤µ से किया गया शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ करà¥à¤® निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से फलदायी होता है। गायतà¥à¤°à¥€ तीरà¥à¤¥ शांतिकà¥à¤‚ज में शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ पकà¥à¤· के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठसे लेकर अब तक नियमित रूप से नितà¥à¤¯ कई पारियों में सामूहिक शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§-तरà¥à¤ªà¤£ संसà¥à¤•à¤¾à¤° किया जा रहा है। इसमें अंतेःवासी कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤¾à¤ˆ-बहिन के अलावा देश के कोने-कोने से आने वाले लोग à¤à¤¾à¤—ीदारी करते हैं। शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ करà¥à¤® में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होने वाली समसà¥à¤¤ सामगà¥à¤°à¥€ शांतिकà¥à¤‚ज अपनी ओर से निःशà¥à¤²à¥à¤• उपलबà¥à¤§ कराता है। वहीं à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥€à¤ , पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾à¤ªà¥€à¤ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ यह कà¥à¤°à¤® चलाया जा रहा है। देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विवि के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ के आवाहन पर असमय कालकलवित हà¥à¤ मृतातà¥à¤®à¤¾à¤“ं की आतà¥à¤®à¤¿à¤• शांति à¤à¤µà¤‚ सदà¥à¤—ति के लिठशà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§-तरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤µà¤‚ विशेष मंतà¥à¤° से यजà¥à¤žà¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ दी जा रही हैं। वहीं विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ में हताहत हà¥à¤ मृतातà¥à¤®à¤¾à¤“ं की शांति के लिठविशेष वैदिक करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड à¤à¥€ किये जा रहे हैं। वहीं गायतà¥à¤°à¥€ परिवार की संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾ परम वनà¥à¤¦à¤¨à¥€à¤¯à¤¾ माता à¤à¤—वती देवी की ९६वीं जनà¥à¤® जयंती के अवसर पर शांतिकà¥à¤‚ज इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• मीडिया डिवीजन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तैयार की गयी जीवनवृतà¥à¤¤ पर आधारित डॉकà¥à¤¯à¥‚मेंटà¥à¤°à¥€ का गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– ने विमोचन किया। करीब १४ मिनट की इस डॉकà¥à¤¯à¥‚मेंटà¥à¤°à¥€ में गायतà¥à¤°à¥€ परिवार की संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾ के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ से लेकर यà¥à¤— निरà¥à¤®à¤¾à¤£ मिशन आंदोलन के नेतृतà¥à¤µ आदि को सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° ढंग से पिरोया गया है।