जयराम पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° की पावन धरा à¤à¤µà¤‚ संतों के सानिधà¥à¤¯ में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा के आयोजन का महतà¥à¤µ और अधिक बॠजाता है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को लौकिक और अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है और उसके जनà¥à¤® जनà¥à¤®à¤¾à¤‚तर के पापों का शमन होता है। इसलिठपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा में निहित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ अवशà¥à¤¯ करना चाहिà¤à¥¤ शहरी विधायक मदन कौशिक ने कहा कि संतों के सानिधà¥à¤¯ में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को सहसà¥à¤¤à¥à¤° गà¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤£à¥à¤¯ फल की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨ मातà¥à¤° से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤£à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ और पापों से निवृतà¥à¤¤à¤¿ मिलती है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 20 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ आनंद पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बालकानंद गिरी महाराज ने कहा है कि शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का à¤à¤‚डार है। जिसे जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर लेता है। उसका जीवन सफल हो जाता है। à¤à¥‚पतवाला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हरीधाम सनातन सेवा टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ आशà¥à¤°à¤® में आयोजित शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा के विशà¥à¤°à¤¾à¤® अवसर पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा का महतà¥à¤µ बताते हà¥à¤ आचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा मोकà¥à¤·à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¨à¥€ है। गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ और गंगा तट पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत शà¥à¤°à¤µà¤£ करने मातà¥à¤° से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ में उतà¥à¤¤à¤® चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है और वह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सफल बना कर अपने कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करता है। कथा के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से सà¤à¥€ कषà¥à¤Ÿ दूर हो जाते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत कथा अति दà¥à¤°à¥à¤²à¤ है। जिसे सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को देवता à¤à¥€ तरसते हैं। सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ही शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा शà¥à¤°à¤µà¤£ का अवसर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। जयराम पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° की पावन धरा à¤à¤µà¤‚ संतों के सानिधà¥à¤¯ में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा के आयोजन का महतà¥à¤µ और अधिक बॠजाता है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को लौकिक और अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है और उसके जनà¥à¤® जनà¥à¤®à¤¾à¤‚तर के पापों का शमन होता है। इसलिठपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत कथा में निहित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ अवशà¥à¤¯ करना चाहिà¤à¥¤ शहरी विधायक मदन कौशिक ने कहा कि संतों के सानिधà¥à¤¯ में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को सहसà¥à¤¤à¥à¤° गà¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤£à¥à¤¯ फल की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨ मातà¥à¤° से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤£à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ और पापों से निवृतà¥à¤¤à¤¿ मिलती है। आचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बालकानंद गिरी महाराज à¤à¤• महान à¤à¤µà¤‚ तपसà¥à¤µà¥€ संत हैं। जो धारà¥à¤®à¤¿à¤• आयोजनों के माधà¥à¤¯à¤® से धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ संवरà¥à¤§à¤¨ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दे रहे है।ं à¤à¤¸à¥‡ पूजनीय संत महापà¥à¤°à¥à¤· ही समाज का गौरव है।