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हरिद्वार की पावन धरा एवं संतों के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन का महत्व और अधिक - ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी


जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि हरिद्वार की पावन धरा एवं संतों के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। श्रीमद् भागवत कथा से व्यक्ति को लौकिक और अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है और उसके जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है। इसलिए प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को श्रीमद् भागवत कथा में निहित ज्ञान को आत्मसात अवश्य करना चाहिए। शहरी विधायक मदन कौशिक ने कहा कि संतों के सानिध्य में व्यक्ति को सहस्त्र गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। संत महापुरुषों के दर्शन मात्र से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति और पापों से निवृत्ति मिलती है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 20 सितम्बर। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा है कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का भंडार है। जिसे जो व्यक्ति ग्रहण कर लेता है। उसका जीवन सफल हो जाता है। भूपतवाला स्थित हरीधाम सनातन सेवा ट्रस्ट आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताते हुए आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी है। गंगा स्नान और गंगा तट पर श्रीमद् भागवत श्रवण करने मात्र से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है और वह स्वयं को सफल बना कर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। कथा के प्रभाव से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा अति दुर्लभ है। जिसे सुनने को देवता भी तरसते हैं। सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि हरिद्वार की पावन धरा एवं संतों के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। श्रीमद् भागवत कथा से व्यक्ति को लौकिक और अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है और उसके जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है। इसलिए प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को श्रीमद् भागवत कथा में निहित ज्ञान को आत्मसात अवश्य करना चाहिए। शहरी विधायक मदन कौशिक ने कहा कि संतों के सानिध्य में व्यक्ति को सहस्त्र गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। संत महापुरुषों के दर्शन मात्र से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति और पापों से निवृत्ति मिलती है। आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज एक महान एवं तपस्वी संत हैं। जो धार्मिक आयोजनों के माध्यम से धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन को बढ़ावा दे रहे है।ं ऐसे पूजनीय संत महापुरुष ही समाज का गौरव है।

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