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शांतिकुंज अधिष्ठात्री शैलदीदी को मिला वैश्विक प्रियदर्शिनी पुरस्कार


शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी को वर्ष २०२२ का वैश्विक प्रियदर्शिनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार श्रद्धेया शैलदीदी को उनके अध्यात्म एवं नारी जागरण के क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रियदर्शिनी एकेडमी की ओर दिया गया। पुरस्कार समारोह सोमवार को देर सायं वर्चुअल सम्पन्न हुआ।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, २० सितम्बर। शांतिकुंज अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी को वर्ष २०२२ का वैश्विक प्रियदर्शिनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार श्रद्धेया शैलदीदी को उनके अध्यात्म एवं नारी जागरण के क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रियदर्शिनी एकेडमी की ओर दिया गया। पुरस्कार समारोह सोमवार को देर सायं वर्चुअल सम्पन्न हुआ। इसमें भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। तो वहीं ग्लोबल अवार्ड एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष आरए मशेलकर, प्रियदर्शिनी एकेडमी के अध्यक्ष निरंजन हिरानंदानी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आनलाइन जुड़े। शांतिकुंज की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी द्वारा नारी जागरण एवं अध्यात्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर मोहर लगाते हुए प्रियदर्शिनी एकेडमी ने वर्ष २०२२ के प्रतिष्ठित वैश्विक प्रियदर्शिनी पुरस्कार से नवाजा है। श्रद्धेया शैलदीदी के मार्गदर्शन में अब तक हजारों अशिक्षित नारियों से लेकर लाखों उच्च शिक्षित बहिनें अपने आप को अंधविश्वासों एवं मूढ़मान्यताओं को पीछे छोड़ी हंै और वे इस अभियान को और आगे बढ़ाने में जुटी है। वे कन्या कौशल शिविर चला रही हैं और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण शिविर का भी संचालित करती हैं। इन दिनों श्रद्धेया शैलदीदी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य आंदोलन, कुरीति उन्मूलन सहित अनेक आंदोलन से करोड़ों लोग जुड़ें हैं और वे अपने आपको इस दैवीय मिशन से जुड़कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नितिन गड़करी ने प्रियदर्शिनी पुरस्कार की प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कला, खेल, अध्यात्म, उद्योग आदि क्षेत्रों में भारत के विकास पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता होती है, जब भारत का झंडा दुनिया में बुलंदी के साथ लहराया जाता है। इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि यह सम्मान हमारे पन्द्रह करोड़ परिजन एवं पांच हजार से अधिक प्रज्ञा संस्थानों से निःस्वार्थ भाव से जुड़कर सेवा कार्य में जुटे आत्मीय परिजनों का है। मैं इसे हमारे परिजनों एवं पावन गुुरुसत्ता के श्रीचरणों में समर्पित करती हूँ।

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