परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ दिवस के अवसर पर विशà¥à¤µ के अनेक देशों से आये योग जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं को संदेश दिया कि हम सà¤à¥€ को मिलकर यà¥à¤¦à¥à¤§ की à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¤à¤¾ नहीं शानà¥à¤¤à¤¿ का संदेश पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करना होगा। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हेतॠशानà¥à¤¤à¤¿ की नयी अवधारणा और à¤à¤¯à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ वातावरण तैयार करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 21 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ दिवस के अवसर पर विशà¥à¤µ के अनेक देशों से आये योग जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं को संदेश दिया कि हम सà¤à¥€ को मिलकर यà¥à¤¦à¥à¤§ की à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¤à¤¾ नहीं शानà¥à¤¤à¤¿ का संदेश पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करना होगा। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हेतॠशानà¥à¤¤à¤¿ की नयी अवधारणा और à¤à¤¯à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ वातावरण तैयार करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। साथ ही पूरे विशà¥à¤µ के लिये शानà¥à¤¤à¤¿ के नये सà¥à¤µà¤°à¥‚प को गà¥à¤¨à¥‡ की जरूरत है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ की कई उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ अवधारणायें है जिसमें आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के साथ अहिंसा, सतà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹, सतà¥à¤¯ और पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ आदि à¤à¥€ समाहित है। वासà¥à¤¤à¤µ में ये जीवन के वे अनमोल मोती है जिससे चारों ओर शानà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की जा सकती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ तो हमेशा से ही शानà¥à¤¤à¤¿ का उदà¥à¤˜à¥‹à¤·à¤• रहा है। हमारे ऋषियों ने ’सरà¥à¤µà¥‡ à¤à¤µà¤¨à¥à¤¤à¥ सà¥à¤–िनः’ के दिवà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ में शानà¥à¤¤à¤¿ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब हम शानà¥à¤¤à¤¿ की बात करते हंै तो शानà¥à¤¤à¤¿ से तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ केवल यà¥à¤¦à¥à¤§ विराम से ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ हमारे आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• दà¥à¤µà¤‚द का शमन से à¤à¥€ है। आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• शानà¥à¤¤à¤¿ ही वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• शानà¥à¤¤à¤¿ का सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है। जब तक अनà¥à¤¤à¤ƒà¤•à¤°à¤£ में शानà¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी तब तक न तो बाहर शानà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की जा सकती है और न ही अपने जीवन में शानà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की जा सकती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने योग जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं को संदेश दिया कि शानà¥à¤¤à¤¿ के लिये बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ हर कदम विलकà¥à¤·à¤£ परिवरà¥à¤¤à¤¨ कर सकता है और यह योग के माधà¥à¤¯à¤® से समà¥à¤à¤µ है। जीवन में आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• शानà¥à¤¤à¤¿ योग और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से समà¥à¤à¤µ है और बाहà¥à¤¯ शानà¥à¤¤à¤¿ के लिये सà¥à¤µà¤šà¥à¤› वातावरण अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है, सà¥à¤µà¤šà¥à¤› जल और सà¥à¤µà¤šà¥à¤› वायॠके बिना वैशà¥à¤µà¤¿à¤• शानà¥à¤¤à¤¿ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नहीं की जा सकती। नो वाॅटर, नो पीस, जब सà¥à¤µà¤šà¥à¤› वातावरण, सà¥à¤µà¤šà¥à¤› जल और सà¥à¤µà¤šà¥à¤› परिवेश होगा तो लोगों के दिलों में शानà¥à¤¤à¤¿ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ होगी। अगर हम समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता की रकà¥à¤·à¤¾ करना चाहते है तो शानà¥à¤¤à¤¿ ही à¤à¤• मातà¥à¤° मारà¥à¤— है।