यूथ रॉक फाउंडेशन के संचालिका डॉ दिवà¥à¤¯à¤¾ नेगी घई ने कहां है कि “अंकिता हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में कामकाजी महिलाओं के लिठà¤à¤• शरà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤• घटना है यह घटना दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है कि हमारे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में महिलाà¤à¤‚ कितनी असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में वैसे à¤à¥€ महिला बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर है और उस पर à¤à¥€ कामकाजी महिलाओं के साथ इस तरह के हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड बहà¥à¤¤ ही हतोतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने वाली है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
देहरादून-24 सितंबर 2022- यूथ रॉक फाउंडेशन के संचालिका डॉ दिवà¥à¤¯à¤¾ नेगी घई ने कहां है कि “अंकिता हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में कामकाजी महिलाओं के लिठà¤à¤• शरà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤• घटना है यह घटना दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है कि हमारे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में महिलाà¤à¤‚ कितनी असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में वैसे à¤à¥€ महिला बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर है और उस पर à¤à¥€ कामकाजी महिलाओं के साथ इस तरह के हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड बहà¥à¤¤ ही हतोतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने वाली है। मैं शासन-पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ à¤à¤µà¤‚ राजà¥à¤¯ सरकार से निवेदन करती हूं कि अंकिता हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड के आरोपी को सखà¥à¤¤ से सखà¥à¤¤ सजा मिलनी चाहिठà¤à¤µà¤‚ अंकिता के घर- परिवार वाले को इंसाफ मिलने चाहिà¤à¥¤ इस हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड ने उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के कामकाजी महिलाओं को à¤à¤•à¤à¥‹à¤° कर रख दिया है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के अंदर संगठित और असंगठित कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में काम करने वाले महिलाओं को अब अपने संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ थोड़ा सा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना पड़ेगा और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करना पड़ेगा कि कौन सा संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ काम करने लायक है और कहां पर काम नहीं करना चाहिà¤à¥¤ हम बेटी बचाओ बेटी पà¥à¤¾à¤“ की बात करते हैं परंतॠकà¥à¤› अपराधी विचार के लोग बेटियों की हतà¥à¤¯à¤¾ करने में कोई संकोच नहीं करते हैं यह बहà¥à¤¤ ही निंदनीय घटना है जो अंकिता के साथ हà¥à¤ˆ है । यूथ रॉक फाउंडेशन हमेशा से महिलाओं को रोजगार à¤à¤µà¤‚ उनके सà¥à¤•à¤¿à¤² डेवलपमेंट की बात करती है ताकि वे अपने-अपने कारà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कà¥à¤¶à¤² कामगार बने à¤à¤µà¤‚ अपना जीवन यापन अचà¥à¤›à¥‡ से कर सकें। परंतॠअंकिता हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड जैसी घटना हमारे समाज के महिलाओं को बाहर निकलने से रोकती है और उनमें असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ पैदा करती है। डॉ दिवà¥à¤¯à¤¾ नेगी घई पेशे से à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦, लेखिका और यà¥à¤µà¤¾ सामाज कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ हैं। वे à¤à¤• दशक से अधिक समय से सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• और सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤¾ रही हैं और अपने à¤à¤¨à¤œà¥€à¤“ यूथ रॉकà¥à¤¸ फाउंडेशन देहरादून के माधà¥à¤¯à¤® से यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के लिठकाम à¤à¥€ करती हैं।