à¤à¤• हजार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग मारे गà¤, लाखों लोग बेघर हà¥à¤ और हजारों हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° फसल बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ हो गई। लोगों के सामने à¤à¥à¤–मरी के हालात पैदा हà¥à¤ तो पड़ोसी ईरान ने मदद की नीयत से खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¨, फल सबà¥à¤œà¥€ à¤à¥‡à¤œà¥‡à¥¤ जब यह सामान पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चा तो वहां कà¥à¤› और ही नजारा सामने आया।
रिपोर्ट - सà¥à¤¶à¥€à¤² उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में बाॠने काफी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हालात पैदा किà¤à¥¤ à¤à¤• हजार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग मारे गà¤, लाखों लोग बेघर हà¥à¤ और हजारों हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° फसल बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ हो गई। लोगों के सामने à¤à¥à¤–मरी के हालात पैदा हà¥à¤ तो पड़ोसी ईरान ने मदद की नीयत से खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¨, फल सबà¥à¤œà¥€ à¤à¥‡à¤œà¥‡à¥¤ जब यह सामान पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चा तो वहां कà¥à¤› और ही नजारा सामने आया। किसी इमाम ने फतवा जारी कर दिया कि यह सब हराम है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शिया मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¿à¤œà¤µà¤¾à¤¯à¤¾ गया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हà¥à¤ जिसमें लोग ईरान से आई सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, फलों और दूसरी सामगà¥à¤°à¥€ को फेंकते नजर आ रहे हैं। यह सच है कि किसी ने इरादतन ही यह सब किया और कराया होगा, लेकिन इस घटना में à¤à¤• विरोधाà¤à¤¾à¤¸ को साफ-साफ देखा जा सकता है और यही विरोधाà¤à¤¾à¤¸ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ है। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ इस देश के अंतरà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¤¿à¤¤ विरोधाà¤à¤¾à¤¸ बहॠगहरे हैं। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की पाक जमीं होने के दावे के साथ बनाया गया पाकिसà¥à¤¸à¤¾à¤¨ असल में सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का देश है और सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ बरेलवी फिरके का ही दबदबा है। इसकी वजह यह है कि देवबंदी मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का बड़ा तबका à¤à¤¾à¤°à¤¤ के विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के पकà¥à¤· में नहीं था। लगà¤à¤— à¤à¤¸à¥€ ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के शिया मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ थी। वरà¥à¤· 1945 में ऑल इंडिया शिया कॉनà¥à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚स ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के खिलाफ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पास किया था। विरोधाà¤à¤¾à¤¸ यह है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के कायदे आजम मोहमà¥à¤®à¤¦ अली जिनà¥à¤¨à¤¾ खà¥à¤¦ शिया थे, जबकि उनके अपने फिरके के अधिसंखà¥à¤¯ लोग विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के खिलाफ थे। बाकी विरोधाà¤à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ को किनारे कर दीजिà¤, à¤à¤• मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के तौर पर जिनà¥à¤¨à¤¾ की अपनी जिंदगी विरोधाà¤à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ है। वे शिया संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ में इसà¥à¤®à¤¾à¤‡à¤²à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से तालà¥à¤²à¥à¤• रखते थे, हालांकि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने किसी à¤à¥€ तरह के इसà¥à¤²à¤¾à¤® की पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ की हो, इस पर आज à¤à¥€ संदेह जताया जाता है। उनके बारे में à¤à¤• बात पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनने पर जब वे पहली बार लाहौर की बादशाही मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ में नमाज में शामिल होने गठतो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह पता नहीं था कि मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के अंदर जूते पहनकर नहीं जाते हैं। यह बात कितनी सच है और कितनी à¤à¥‚ठ, इसका निरà¥à¤£à¤¯ तो इतिहासकार ही कर सकते हैं। मूल बात यह है कि यदि कायदे आजम के बारे में इस तरह की चरà¥à¤šà¤¾ है तो विरोधाà¤à¤¾à¤¸ की जमीन और पà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾ हो जाती है। यह विरोधाà¤à¤¾à¤¸ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के वजूद और जिनà¥à¤¨à¤¾ के पूरे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में है। वे à¤à¤• शिया मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के तौर पर पैदा हà¥à¤, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• गैर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लड़की से शादी की और जब उस मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लड़की का धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ कराया तो उसे सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनाया। सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ बात हà¥à¤ˆ है कि जब जिनà¥à¤¨à¤¾ का इंतकाल हà¥à¤† तो उनके जनाजे की दो तरह की नमाज में पà¥à¥€ गई। सरकारी सà¥à¤¤à¤° पर जो कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® हà¥à¤†, उसमें उनकी अंतिम कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के तौर पर की गई और जो à¤à¤• निजी कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® उनकी बहन फातिमा जिनà¥à¤¨à¤¾ ने कराया उसमें सारी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ शिया मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के तौर पर की गई। बाद में जिनà¥à¤¨à¤¾ की बहन फातिमा और उनकी बेटी दीना, दोनों ने ही जिनà¥à¤¨à¤¾ की संपतà¥à¤¤à¤¿ में शिया लॉ के हिसाब से अपना अधिकार मांगा। इन तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के हिसाब से यह देख सकते हैं कि अपने धरà¥à¤® और उस धरà¥à¤® की पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ को लेकर जिनà¥à¤¨à¤¾ किस तरह से विरोधाà¤à¤¾à¤¸à¥€ बातों के शिकार थे। उनके वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का विरोधाà¤à¤¾à¤¸ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ गठन से ठीक पहले के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ देखा जा सकता है, जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कई औपचारिक मौकों पर टोपी-शेरवानी पहनी, जबकि इससे पहले कि उनकी सारी जिंदगी, उनके सारे फोटो इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ करते हैं कि वे अपने सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ में पूरी तरह अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ थे। उनका रहन-सहन अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ जैसा ही था। वे à¤à¤• संपनà¥à¤¨ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ परिवार से आठथे, जो कराची में बस गया था। à¤à¤• बड़ा विरोधाà¤à¤¾à¤¸ यह à¤à¥€ कि जिस धरती पर उनके पà¥à¤°à¤–े पैदा हà¥à¤, वह धरती और उस धरती की à¤à¤¾à¤·à¤¾, दोनों ही पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¸à¤¾ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनाया जिसमें उनके पूरà¥à¤µà¤œ का वतन नहीं था। आज इस विरोधाà¤à¤¾à¤¸ के परिणाम आज देखिठकि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के à¤à¥€à¤¤à¤° जिनà¥à¤¨à¤¾ जिस सेकà¥à¤Ÿ से जà¥à¥œà¥‡ हà¥à¤ थे, वे शिया मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में बेहद खराब सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में है। राजनीतिक, सामाजिक दायरे और सेना में उनका दखल ना के बराबर है। सà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¤• बड़ा तबका अकà¥à¤¸à¤° उनके मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ होने पर सवाल उठाता रहता है। यदि मौका मिले तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ अहमदियों की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में रखा जा सकता है। अगर बहà¥à¤¤ सरल ढंग से निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· निकालना चाहें तो यह कह सकते हैं कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने अपने कायदे आजम की मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® पहचान को न केवल अलग ढंग से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने की कोशिश की है, बलà¥à¤•à¤¿ उस पहचान को शिया से सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ में बदल दिया है। वैसे, जिनà¥à¤¨à¤¾ के लिठवह दौर कितना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² रहा होगा कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¸à¥‡ लोगों और à¤à¤¸à¥‡ देश का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करना पड़ा जो उनके निजी रंग-ढंग से पूरी तरह अलग था। इसी विरोधाà¤à¤¾à¤¸ की à¤à¤²à¤• आज के उस पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में देखने को मिल रही है जो ईरान से आई मदद को इस आधार पर खारिज करने की कोशिश करता है कि यह सामान शिया समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया। वैसे, यह बात सही है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ सरकार ने à¤à¤¸à¤¾ कोई सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड नहीं लिया है, जिससे यह पता चले कि वह किसी गैर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® या गैर सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ देश दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥‡à¤œà¥€ गई मदद को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं करेगा, लेकिन समाज के à¤à¥€à¤¤à¤° यह विरोधाà¤à¤¾à¤¸ और उसकी टकराहट मौजूद है। इतिहास की किताबें और आजादी के वकà¥à¤¤ के तमाम दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œ इस बात का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को सà¤à¥€ समूहों के मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का देश बनाने की बात कहीं गई थी, लेकिन अपने गठन के à¤à¤• दशक से à¤à¥€ कम वकà¥à¤¤ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को छोड़कर अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ को देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में रखने लगा था। समय के साथ यह धारणा आम लोगों में घर कर गई और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह मान लिया कि यह केवल सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और उनमें à¤à¥€ बरेलवी संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का देश है। इसी का परिणाम वे ताजा वीडियो हैं जिसमें कà¥à¤› लोग पà¥à¤¯à¤¾à¤œ, टमाटर, लहसà¥à¤¨, आटा और चीनी को शिया-सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ में बांटने में फखà¥à¤° महसूस कर रहे हैं। जब किसी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ की तरह पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के इस मिजाज को देखते हैं तो à¤à¤• सबक जरूर ले सकते हैं, वो सबक यह कि कोई à¤à¥€ देश और समाज अपने बहà¥-जातीय, बहà¥-सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और बहà¥-धारà¥à¤®à¤¿à¤• परिवेश के साथ ही जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ संतà¥à¤²à¤¿à¤¤, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समावेशी, पà¥à¤°à¤—तिशील और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° बन सकता है।