देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ के à¤à¥‚खे होते हैं। à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से ही à¤à¤—वतॠकृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। हमारी जीवन साधना à¤à¤—वान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ विधिसमà¥à¤®à¤¤ होनी चाहिà¤à¥¤ तà¤à¥€ उनका संरकà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 28 सितंबर। देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ के à¤à¥‚खे होते हैं। à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से ही à¤à¤—वतॠकृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। हमारी जीवन साधना à¤à¤—वान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ विधिसमà¥à¤®à¤¤ होनी चाहिà¤à¥¤ तà¤à¥€ उनका संरकà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हंै। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ देसंविवि के मृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय सà¤à¤¾à¤—ार में आशà¥à¤µà¤¿à¤¨ नवरातà¥à¤° के अवसर पर आयोजित सतà¥à¤¸à¤‚ग शृंखला के तीसरे दिन साधकों को संबोधित कर रहे थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि नवरातà¥à¤° के अवसर पर शà¥à¤¦à¥à¤§ मन à¤à¤µà¤‚ पवितà¥à¤° à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ किये जाने वाला जप-तप साधक के मनोà¤à¤¾à¤µ को शà¥à¤¦à¥à¤§ करता है। साधक की शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤ पवितà¥à¤° होनी चाहिà¤à¥¤ गीता मरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामकृषà¥à¤£ परमहंस शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¸à¤¿à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से माठकाली को à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराया करते थे। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को परख कर ही अनà¥à¤—à¥à¤°à¤¹ करते थे। जिनकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤ जैसी होती है, à¤à¤—वतà¥à¤•à¥ƒà¤ªà¤¾ à¤à¥€ उसी अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मिलती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦, मीरा, धनà¥à¤¨à¤¾ जाट, चणà¥à¤¡ कौशिक नाग आदि की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• कहानियों को साà¤à¤¾ करते हà¥à¤ कहा कि इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤—वान के साथ निचà¥à¤›à¤² à¤à¤¾à¤µ से à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ होकर ईशà¥à¤µà¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाई गयी विधि के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° आराधना की, परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¤—वान इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचाने, रकà¥à¤·à¤¾ करने हेतॠसमय-समय पर आते रहे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤—वान सदैव विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहते हैं। जरूरत है पवितà¥à¤° à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ आराधना की।