शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना à¤à¥ˆà¤°à¤µ अखाड़े की पवितà¥à¤° छड़ी नगर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करते हà¥à¤ बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को कनखल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पहà¥à¤à¤šà¥€à¥¤ कनखल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जगह जगह पवितà¥à¤° छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ तथा पà¥à¤·à¥à¤ª वरà¥à¤·à¤¾ कर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। कनखल à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करते हà¥à¤ पवितà¥à¤° छड़ी सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ रोड पर संतोषी माता आशà¥à¤°à¤® पहà¥à¤‚ची ।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च दशनाम जूना à¤à¥ˆà¤°à¤µ अखाड़े की पवितà¥à¤° छड़ी नगर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करते हà¥à¤ बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को कनखल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पहà¥à¤à¤šà¥€à¥¤ कनखल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जगह जगह पवितà¥à¤° छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ तथा पà¥à¤·à¥à¤ª वरà¥à¤·à¤¾ कर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। कनखल à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करते हà¥à¤ पवितà¥à¤° छड़ी सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ रोड पर संतोषी माता आशà¥à¤°à¤® पहà¥à¤‚ची। जहां महामंडलेशà¥à¤µà¤° संतोषी माता, निरंजनी अखाड़े के सचिव à¤à¤µà¤‚ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ महंत रवींदà¥à¤° पà¥à¤°à¥€ जी महाराज, पà¥à¤°à¤¬à¤‚धक अशोक शांडिलà¥à¤¯ ने पवितà¥à¤° छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की ।इस अवसर पर छड़ी के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– महंत शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरी महाराज ने कहा कि इस पवितà¥à¤° छड़ी यातà¥à¤°à¤¾ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ करीब करीब ढाई हजार वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ आदि शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकी गई थी इसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सनातन धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करना तथा पौराणिक मंदिरों की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ करना है इसी उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ को लेकर यह पवितà¥à¤° यह छड़ी यातà¥à¤°à¤¾ पूरे उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पौराणिक तीरà¥à¤¥ का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करेगी और जनता को अपने पौराणिक मंदिरों की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठजागृत करेगी। महामंडलेशà¥à¤µà¤° संतोषी माता ने पवितà¥à¤° छड़ी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर इस यातà¥à¤°à¤¾ की सफलता की कामना की। जूना अखाड़े के अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® गिरी महाराज ने बताया गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को पवितà¥à¤° छड़ी शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤ªà¥à¤° कांगड़ी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ है तू जाà¤à¤—ी जान शà¥à¤°à¥€ महंत सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आशà¥à¤°à¤® में चोरी की पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ होगी पवितà¥à¤° यातà¥à¤°à¤¾ में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त सà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, शà¥à¤°à¥€ महंत पूरà¥à¤£à¤¾à¤—िरि, शà¥à¤°à¥€ महंत महेश पà¥à¤°à¥€, शà¥à¤°à¥€ महंत मनोज गिरी, शà¥à¤°à¥€ महेंदà¥à¤° पशà¥à¤ªà¤¤à¤¿ गिरी ,महंत हीरा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€, महंत पूरà¥à¤£à¤¾à¤—िरि,महंत महाकाल गिरी,महनà¥à¤¤ आदितà¥à¤¯ गिरि, महत राजेनà¥à¤¦à¥à¤° गिरी,गजा नंद गिरि तथा महंत अमृत पà¥à¤°à¥€ शामिल थे।