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एम्स ऋषिकेश के अस्थि रोग विभाग द्वारा कार्यशाला आयोजित


कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने संगोष्ठी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से विशेषतौर से अस्थि रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित एमसीएच के छात्रों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स इंज्युरी आजकल कॉमन इंज्युरी है। उन्होंने इसके लिए ऑर्थो विभाग में स्किल बेस लर्निंग शिक्षा की आवश्यकता बताई।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

एम्स ऋषिकेश के अस्थि रोग विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में देशभर से आए आर्थो विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस दौरान आर्थोस्कोपी के माध्यम से कंधे के लिगामेंट की लाईव सर्जरी का प्रदर्शन व प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के अस्थि रोग विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला के दौरान देशभर से आए आर्थो विशेषज्ञों ने अपने विचारों और अनुभवों को साझा करते हुए नवीनतम प्रगति से अवगत कराया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने संगोष्ठी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से विशेषतौर से अस्थि रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित एमसीएच के छात्रों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स इंज्युरी आजकल कॉमन इंज्युरी है। उन्होंने इसके लिए ऑर्थो विभाग में स्किल बेस लर्निंग शिक्षा की आवश्यकता बताई। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने ऑर्थो विभाग की पूर्व एचओडी प्रो. शोभा अरोड़ा द्वारा गए कार्यों की सराहना की और कहा कि मरीजों के इलाज में नवीनतम तकनीकों और बेहतर प्रक्रिया को अपनाए जाने से न केवल मरीजों को अपितु सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम को भी लाभ होता है।। प्रो.. मीनू सिंह ने संगोष्ठी में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से सवाल जबाव किए जाने को विशेष लाभदायक व ज्ञानवर्धक बताया। डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन से सभी को अस्थि रोगों में मूल अवधारणाओं को समझने में मदद मिलेगी और एक-दूसरे के साथ इलाज व तकनीकों की जानकारी साझा करने से इलाज प्रक्रिया का अनुभव भी हासिल होगा। ऑर्थो विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज कण्डवाल ने कहा कि यह लाईव कार्यशाला इस क्षेत्र में कार्य करने वाले चिकित्सकों के अनुभव के लिए एक बेहतरीन अवसर है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का लाभ विशेषतौर से उन चिकित्सकों को मिलेगा जो कंधे और घुटने के रोगों से पीड़ित मरीजों का इलाज करते हैं। आर्थो विभाग की पूर्व एचओडी प्रोफेसर शोभा अरोड़ा ने कहा कि यह कार्यशाला स्वयं में ऐसी पहली कार्यशाला है, जिसमें लाईव सर्जरी के माध्यम से प्रतिभाग करने वाले विशेषज्ञ ऑर्थो सर्जन और मेडिकल छात्र निश्चित तौर से लाभान्वित होंगे। उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन को एक सिग्नीचर आयोजन करार दिया। एम्स ऋषिकेश के आर्थो सर्जन डॉ. विवेक सिंह ने कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस विशेष कार्यशाला में देशभर से पहुंचे ऑर्थो विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभव साझा करने से इसका लाभ सभी प्रतिभागियों को हासिल होगा। एम्स ऋषिकेश के रेडियोलॉजी विभाग से डॉ.सोनल शरण ने कंधे के लिगामेंट और मांशपेशियों से संबंधित रोगों के बारे में अपने रेडियोलॉजिकल अनुभवों को साझा किया। इस दौरान स्नातकोत्तर और एमसीएच छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गई।

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