à¤à¤•à¥à¤¤ के साथ à¤à¤—वान का अटूट संबंध है। à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से à¤à¤—वान को जो कà¥à¤› अरà¥à¤ªà¤£ करता है, उसे वे गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते हैं। साधक के अंदर नवरातà¥à¤° अनà¥à¤·à¥à¤ ान à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ को जागà¥à¤°à¤¤ करता है। उकà¥à¤¤ विचार देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किये। वे देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के मृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय सà¤à¤¾à¤—ार में आयोजित सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शृंखला के अवसर पर à¤à¤•à¥à¤¤, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और à¤à¤—वान की महिमा विषय पर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ साधकों, विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को संबोधित कर रहे थे।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 1 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर। à¤à¤•à¥à¤¤ के साथ à¤à¤—वान का अटूट संबंध है। à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से à¤à¤—वान को जो कà¥à¤› अरà¥à¤ªà¤£ करता है, उसे वे गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते हैं। साधक के अंदर नवरातà¥à¤° अनà¥à¤·à¥à¤ ान à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ को जागà¥à¤°à¤¤ करता है। उकà¥à¤¤ विचार देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किये। वे देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के मृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय सà¤à¤¾à¤—ार में आयोजित सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ शृंखला के अवसर पर à¤à¤•à¥à¤¤, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और à¤à¤—वान की महिमा विषय पर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ साधकों, विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को संबोधित कर रहे थे। कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के à¤à¥‚खे हैं। माता शबरी इसका जीवंत उदाहरण है। माता शबरी की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही थी कि उनके दà¥à¤µà¤¾à¤° पर à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® पधारे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नवधा à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन और राजोपचार पूजन में जब तक शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का समà¥à¤ªà¥à¤Ÿ न हो, तब तक वह अधूरा माना जाता है। साधक में सातà¥à¤µà¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ान à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ जगाता है। सचà¥à¤šà¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ वही है, जहाठअंहकार से किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का रिशà¥à¤¤à¤¾ नहीं रहता है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वतगीता के शà¥à¤²à¥‹à¤• à¤à¤µà¤‚ रामायण की चौपाइयों कीे वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ करते हà¥à¤ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ को जागà¥à¤°à¤¤ करने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। इस अवसर पर कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ ने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के विविध जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾à¤“ं का समाधान करते हà¥à¤ सफल जीवन के सूतà¥à¤° सà¥à¤à¤¾à¤¯à¥‡à¥¤