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हरिद्वार परशुराम घाट पर नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के षष्टम दिवस की कथा का श्रवण


श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में श्री परशुराम घाट गोविंदपुरी हरिद्वार में नवरात्रि के पावन अवसर पर नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के षष्टम दिवस की कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री जी ने बताया नवरात्रि के नौ दिनों में कन्या पूजन ऐसे मां भगवती प्रसन्न हो जाती है जो भी मां भगवती की उपासना करने वाले हैं उन सब को कन्या पूजन में विशेष रुप से इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में श्री परशुराम घाट गोविंदपुरी हरिद्वार में नवरात्रि के पावन अवसर पर नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के षष्टम दिवस की कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री जी ने बताया नवरात्रि के नौ दिनों में कन्या पूजन ऐसे मां भगवती प्रसन्न हो जाती है जो भी मां भगवती की उपासना करने वाले हैं उन सब को कन्या पूजन में विशेष रुप से इस बात का ध्यान रखना चाहिए शास्त्री जी ने बताया देवी भागवत महापुराण में वर्णन मिलता है कन्या पूजन के लिए कन्याओं की उम्र दो वर्ष से कम और दस वर्ष से अधिक न हो। भागवताचार्य पंडित पवन कृष्णा शास्त्री जी ने बताया दो साल की कन्या को कुमारी कहा गया है। इस स्वरूप के पूजन से सभी तरह के दुखों और दरिद्रता का नाश होता है। तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति कहा गया है। भगवती त्रिमूर्ति के पूजन से धन लाभ होता है। चार वर्ष की कन्या को कल्याणी कहा गया है। देवी कल्याणी के पूजन से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी माना गया है। माँ के रोहणी स्वरूप की पूजा करने से जातक के घर परिवार से सभी रोग दूर होते हैं। इस उम्र की कन्या को कालका देवी का रूप मानी जाती है। मां के कालिका स्वरूप की पूजा करने से ज्ञान,बुद्धि,यश और सभी क्षेत्रों में विजय की प्राप्ति होती है। सात वर्ष की कन्या माँ चण्डिका का रूप है। इस स्वरूप की पूजा करने से धन,सुख और सभी तरह के ऐश्वर्यों की प्राप्ति होती है। आठ साल की कन्या माँ शाम्भवी का स्वरूप हैं। इनकी पूजा करने से युद्ध,न्यायलय में विजय और यश की प्राप्ति होती है। इस उम्र की कन्या को साक्षात दुर्गा का स्वरूप मानते है। मां के इस स्वरूप की अर्चना करने से समस्त विघ्न बाधाएं दूर होते हैं,शत्रुओं का नाश होता है और कठिन से कठिन कार्यों में भी सफलता प्राप्त होती है। दस वर्ष की कन्या सुभद्रा के सामान मानी जाती हैं। देवी सुभद्रा स्वरूप की आराधना करने से सभी मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं । तथा शास्त्री जी का कहना है भागवत महापुराण में वर्णन मिलता है कि 10 वर्ष से ऊपर कन्या नहीं किशोरी खलाई जाती है प्रत्येक देवी भक्तों को मां भगवती की प्रसन्नता के लिए कन्याओं का पूजन अवश्य करना चाहिए कन्या पूजन करने सही मां भगवती प्रसन्न होकर के मनोवांछित वर प्रदान करती है इस अवसर पर पंडित अधीर कौशिक जी ने बताया समय-समय पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा राम कथा शिव पुराण की कथा एवं देवी भागवत की कथाओं का आयोजन किया जाता है रहा है एवं आगे भी किया जाएगा क्योंकि पहले समय पर गुरुकुल हुआ करते थे जिनमें शास्त्र एवं शास्त्र की विद्या का ज्ञान दिया जाता था परंतु आज वर्तमान समय पर धीरे-धीरे गुरुकुल परंपरा समाप्त होती जा रही है एवं स्वस्थ एवं शास्त्र की विद्या विलुप्त हो रही है हमारा संकल्प है श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के द्वारा सनातन धर्म का प्रचार प्रसार एवं आत्मरक्षा के लिए देश और समाज की रक्षा के लिए शास्त्र का ज्ञान एवं आत्म कल्याण के लिए आध्यात्मिक कल्याण के लिए सनातन परंपराओं को जीवित रखने के लिए समय-समय पर शास्त्र का ज्ञान पंडित अधीर कौशिक जी ने बताया कि यदि सभी का साथ सहयोग बना रहा तो इस प्रकार के आयोजन श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के द्वारा आगे भी होते रहेंगे इस पावन अवसर पर यशपाल शर्मा मुख्य अतिथि अरुण शर्मा दिवेश शर्मा गुरुकुल आयुर्वेदिक डायरेक्टर डायरेक्टर पंकज शर्मा वरिष्ठ अतिथि अध्यन शर्मा निखिल कश्यप माधव ठाकुर हर्ष कश्यप गुप्ता अंकित कुमार सोनू वरना शर्मा सुषमा शर्मा सोनिया कौशिक पूजा शर्मा शालू कौशिक मनोज मेहता अश्वनी सैनी रविकांत शर्मा जलज कौशिक, राहुल वशिष्ठ नीलू वशिष्ठ सोनू अरोड़ा संदीप कौशिक अजय कौशिक पवन भारती रोहित शर्मा बीनू भाटिया आदि ने मां भगवती का पूजन किया ।

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