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श्रीनगर में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारियों के लिए निशुल्क कोचिंग


सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारियों के लिए निशुल्क कोचिंग कार्यक्रम 'डॉक्टर अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' ( का उद्घाटन हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय आयोजित किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारियों के लिए निशुल्क कोचिंग कार्यक्रम 'डॉक्टर अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' ( का उद्घाटन हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश में पूर्व अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री प्रवीन थपलियाल, कार्यक्रम की अध्यक्षा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० अन्नपूर्णा नौटियाल, कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्रति कुलपति प्रो० आर सी भट्ट मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सभी ने दीप प्रज्वलन, और डॉ आंबेडकर को पुष्प अर्पित करते हुए की। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उत्कृष्टता केंद्र के समन्वयक प्रो० एम एस सेमवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र (डीएसीई) का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण कोचिंग, व्यक्तित्व विकास और प्रतिस्पर्धी कौशल के अधिग्रहण के माध्यम से सीखने और उत्कृष्टता के बेहतर अवसर प्रदान करके प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों को सशक्त बनाना है। डीएसीई अनुसूचित जाति के छात्रों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को गुणवत्तापूर्ण मुफ्त कोचिंग प्रदान करना है ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं, विशेष रूप से यूपीएससी में शामिल हो सकें और सार्वजनिक/निजी क्षेत्र में उपयुक्त नौकरी प्राप्त करने में सफल हो सकें। यह कोचिंग के माध्यम से अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को सशक्त बनाएगा और उनके प्रतिस्पर्धी कौशल को बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करेगा। मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश में पूर्व अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रवीन थपलियाल ने कहा कि इस केंद्र से पहाड़ के छात्रों को मौका मिलेगा। अब यहां से भी प्रशासनिक सेवाओं में छात्र निकलेंगे। ये छात्र प्रशासनिक सेवाओं में जायेंगे तो इस क्षेत्र में के विकास में भी यह मददगार होगा। तकनीक के कारण आज देश के कोने कोने तक ज्ञान पहुंच गया है लेकिन अब इस केंद्र के माध्यम से छात्र यह जान पाएंगे कि इस तकनीक का प्रयोग कहां करना है। यह केंद्र छात्रों के मार्गदर्शक की भूमिका को निभाएगा। यह केंद्र न केवल प्रशासनिक सेवाओं में करियर बनाने में मददगार बनेगा बल्कि अन्य सेवाओं की तैयारी के लिए भी मददगार साबित होगा। यह छात्रों पर निर्भर करेगा कि छात्र इस केंद्र का लाभ किस रूप में लेंगे। प्रो सीमा धवन ने पीपीटी के माध्यम से इस कार्यक्रम की यात्रा का वर्णन किया। और कहा कि ये उद्घाटन कार्यक्रम एक लंबी यात्रा का परिणाम है, जिसमें विश्वविद्यालय के सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों का निरंतर सहयोग मिला। कार्यक्रम की अध्यक्षा कुलपति प्रो० अन्नपूर्णा नौटियाल ने इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करने वाली पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय पूरी मदद करेगा। इस कार्यक्रम की आगे की सफलता भी विश्व विद्यालय के प्रत्येक छात्र, शिक्षक और कर्मचारीयों के निरंतर सहयोग पर ही निर्भर करेगा। अगली बार जब हम इस कार्यक्रम को करें तो हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इस केंद्र से सफल हुए छात्रों पर निर्भर करेगा। हम सभी उम्मीद करते है कि छात्र इस केंद्र का अधिक से अधिक लाभ लेंगे और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। अति विशिष्ट अतिथि प्रति कुलपति प्रो०आर सी भट्ट ने कहा कि यह केंद्र हमारे पहाड़ के छात्रों के लिए लाभदायक रहेगा। इस से केवल अनुसूचित जाति के छात्र ही नहीं बल्कि अन्य छात्रों को भी प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी के लिए प्रेरित करेगा। इस से पहाड़ के इस क्षेत्र में सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए प्रतियोगी माहौल बनेगा, जिसके परिणाम भविष्य में सुनहरे साबित होंगे। विश्वविद्यालय इस केंद्र के संचालन के लिए हर तरह की मदद करेगा, क्योंकि यह हमारे छात्रों के लिए चलाया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन डॉ आशुतोष गुप्ता एवं डॉ श्वेता वर्मा ने किया। इस कार्यक्रम में प्रॉक्टर प्रो० वी पी नैथानी, प्रो अतुल ध्यानी, प्रो एमसी सती, प्रो वाई पी रैवानी, प्रो किरन डंगवाल, प्रो इंदु खंडूरी, प्रो० ओ के बेलवाल, डॉ आलोक सागर गौतम, डॉ अमित कुमार, डॉ राकेश नेगी, डॉ मनोज कुमार, डॉ प्रशांत थपलियाल, डॉ नितेश, डॉ अशोक कुमार, डॉ विनीत कुमार, डॉ वरुण बर्थवाल, इंजीनियर महेश डोभाल आदि शिक्षक मौजूद रहे। तथा विश्व विद्यालय के छात्र छात्राएं बड़ी मात्रा में मौजूद रहे।

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