संत मोहन बाबा की तप सà¥à¤¥à¤²à¥€ पर सिधà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® शà¥à¤°à¥€ मोहन कà¥à¤Ÿà¥€ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित शà¥à¤°à¥€ विषà¥à¤£à¥ चैतनà¥à¤¯ वृधà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® के पावन पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण शारदीय नवरातà¥à¤°à¤¿ परà¥à¤µ की पà¥à¤£à¥à¤¯ बेला में राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨ से सामà¥à¤¹à¤¿à¤• गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° जप अनà¥à¤·à¥à¤ ान à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा का वाचन यà¥à¤—दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾ वेदमूरà¥à¤¤à¤¿ तपोनिषà¥à¤Ÿ पंडित शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ जी के दिवà¥à¤¯ संरकà¥à¤·à¤£ में उनके शिषà¥à¤¯ अशोक कà¥à¤®à¤¾à¤° गरà¥à¤— यà¥à¤— पà¥à¤°à¤¹à¤°à¥€ के दà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ कहा कि महाराजा दशरथ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® विवाह कराकर जब जनकपà¥à¤°à¥€ से अयोधà¥à¤¯à¤¾ में आये तब से अयोधà¥à¤¯à¤¾ में नितà¥à¤¯ नये मंगल हो रहे हैं।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
संत मोहन बाबा की तप सà¥à¤¥à¤²à¥€ पर सिधà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® शà¥à¤°à¥€ मोहन कà¥à¤Ÿà¥€ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित शà¥à¤°à¥€ विषà¥à¤£à¥ चैतनà¥à¤¯ वृधà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® के पावन पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण शारदीय नवरातà¥à¤°à¤¿ परà¥à¤µ की पà¥à¤£à¥à¤¯ बेला में राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨ से सामà¥à¤¹à¤¿à¤• गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° जप अनà¥à¤·à¥à¤ ान à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा का वाचन यà¥à¤—दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾ वेदमूरà¥à¤¤à¤¿ तपोनिषà¥à¤Ÿ पंडित शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ जी के दिवà¥à¤¯ संरकà¥à¤·à¤£ में उनके शिषà¥à¤¯ अशोक कà¥à¤®à¤¾à¤° गरà¥à¤— यà¥à¤— पà¥à¤°à¤¹à¤°à¥€ के दà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® कथा सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ कहा कि महाराजा दशरथ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® विवाह कराकर जब जनकपà¥à¤°à¥€ से अयोधà¥à¤¯à¤¾ में आये तब से अयोधà¥à¤¯à¤¾ में नितà¥à¤¯ नये मंगल हो रहे हैं। नगर मैं चारों तरफ आनंद के बाजे बज रहे हैं। शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® के रूप,गà¥à¤£,शील और सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ को देखकर à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤¨à¤•à¤° राजा दशरथ अतà¥à¤¯à¤‚त आननà¥à¤¦à¤¿à¤¤ हो रहे हैं। सà¤à¥€ अयोथà¥à¤¯à¤¾ वासियों की अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ है कि अब राजा दशरध को जीते जी शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® को यà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ पद दे देना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤• दिन सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से अपने मà¥à¤•à¥à¤ को सीधा करने के लिये राजा दरà¥à¤ªà¤£ में अपना मà¥à¤– देख रहे थे तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देखा कान पास सफेद बाल हो गये हैं,उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मन में विचार किया कि शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® को यà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ पद दे देना चाहिà¤à¥¤ शà¥à¤°à¤µà¤¨ समीप à¤à¤¯ सित केसा,मनहà¥à¤‚ जरठपनॠअस उपदेसा। ! राजा दशरथ ने अपना विचार गà¥à¤°à¥‚ वशिषà¥à¤ जी को बतलाया ,तब गà¥à¤°à¥‚ वशिषà¥à¤ जी ने कहा राजन अब आप शà¥à¤°à¥€ राम को यà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ बना दीजिà¤à¥¤