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महात्मा गांधी जी की 153 वीं जयंती के अवसर पर परमार्थ निकेतन में स्वच्छता अभियान का आयोजन


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता मंत्री, उत्तराखंड सरकार, डॉ धन सिंह रावत ने महात्मा गांधी जी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के पावन अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

रिपोर्ट  - 

2 अक्तूबर, 2022, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता मंत्री, उत्तराखंड सरकार, डॉ धन सिंह रावत ने महात्मा गांधी जी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के पावन अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। महात्मा गांधी जी की 153 वीं जयंती के अवसर पर परमार्थ निकेतन में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें माननीय मंत्री श्री धनसिंह रावत जी और विश्व के अनेक देशों से आये योग जिज्ञासुओं और विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि महात्मा गांधी जी की जयंती को पूरा विश्व ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप मनाता है। गांधी जी ने जीवन भर सत्य और अहिंसा पर अद्भुत प्रयोग किये और भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का कहना था कि आने वाली पीढ़ियों को यह यकीन ही नहीं होगा कि ऐसा भी कोई व्यक्ति इस धरती पर आया था। वास्तव में महात्मा गांधी केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि सत्य और अहिंसा की प्रयोगशाला थे, भारतीय दर्शन उनमें समाहित था। वे कहते थे कि मेरा जीवन अस्पृश्यता उन्मूलन के लिये उसी प्रकार समर्पित है, जैसे अन्य बहुत सी बातों के लिये है। गांधी के अनुसार अहिंसा नैतिक जीवन जीने का मूलभूत तरीका है। यह सिर्फ एक आदर्श नहीं है बल्कि यह मानव जाति का प्राकृतिक नियम भी है। हिंसा से किसी समस्या का तात्कालिक और एकपक्षीय समाधान हो सकता है किंतु स्थायी समाधान सिर्फ अहिंसा से ही संभव है।

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