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कष्टों का निवारण करती है शिव आराधना-स्वामी कैलाशानन्द ब्रह्मचारी |


श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना व आराधना करने से साधक के सभी कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती हैं। शिव कृपा से साधक सुखी, निरोगी और समृद्ध जीवन का आनन्द पाता है। सावन में जो श्रद्धालु पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करता है।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 12 अगस्त। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना व आराधना करने से साधक के सभी कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती हैं। शिव कृपा से साधक सुखी, निरोगी और समृद्ध जीवन का आनन्द पाता है। सावन में जो श्रद्धालु पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करता है। उसे भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन माह के अंतिम सोमवार पर दक्षिण काली मंदिर प्रांगण में आयोजित विशेष शिव आराधना में सम्मिलित होने आए श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि आध्यात्मिक स्वरूप में सावन के महीने का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व है। सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन में विधि पूर्वक शिवजी की आराधना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस माह में भगवान शिव के ‘रुद्राभिषेक‘ का विशेष महत्त्व है। गंगा जल व पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, शमीपत्र, कुशा तथा दूब आदि भोलेनाथ को अर्पित करें। भगवान शिव की पूजा सावन में प्रधान देवता के रूप में की जाती है। हिन्दु धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें अद्र्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। सावन के महीने में प्रसन्न होकर भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। पूजन के दौरान विभिन्न प्रकार के पुष्पों तथा सुगन्धित द्रव्यों से भगवान का विशेष श्रंगार किया गया। महाराष्ट्र से आए ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण की ध्वनि की बीच भगवान आशुतोष का भव्य अभिषेक किया गया। सीओ सिटी अभय प्रताप ने भी श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर मां काली व भगवान शंकर की पूजा अर्चना कर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर पंडित प्रमोद पांडे, आचार्य पवन दत्त मिश्र, पंडित शिवकुमार, अंकुश शुक्ला, सागर ओझा, अनिल सिंह, बालमुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, अनुराग वाजपेयी, अनुज दुबे, स्वामी वासुदेव, लाल बाबा, स्वामी शिवानन्द, अनूप भारद्वाज, विवेकानन्द ब्रह्मचारी आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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