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आवश्यक वरतुएं को लेकर शर्तों के साथ अनुमति प्रदान करने हेतु कार्यवाही के निर्देश दिये गये है


कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण के दष्टिगत दिनांक 22-03-2020 से दिनाक 31-03-2020 तक लॉक-डाउन सम्बन्धी शासन की अधिसूचना दिनांक 22--03-2020 के कम में इस कार्यालय द्वारा निर्गत आदेश द्वारा निर्देश प्रसारित किये गय हैं।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज़ भारत

कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण के दष्टिगत दिनांक 22-03-2020 से दिनाक 31-03-2020 तक लॉक-डाउन सम्बन्धी शासन की अधिसूचना दिनांक 22--03-2020 के कम में इस कार्यालय द्वारा निर्गत आदेश द्वारा निर्देश प्रसारित किये गय हैं। उपरोक्त आदेशों के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में जिन औघोगिक कम्पनियों व निर्माण Continuous process अपरिहार्य है तथा जो कम्पनियाँ आवश्यक वस्तुओं के अंतर्गत दैनिक आवश्यक वरतुएं यथाः- Food, Pharmaceutical, Hygienic process से संबधित सामग्रियों का निर्माण करती है. को कई शर्तों के साथ अनुमति प्रदान करने हेतु कार्यवाही के निर्देश दिये गये है। उक्त आदेश के कम में केवल ऐसी कंपनियां जो जनसामान्य की दैनिक आवश्यक वस्तुआ यथा- Food. Pharmaceutical, Hygenic process से सम्बन्धित सामग्रियों का निर्माण करता है, तथा जिन Continuous process इकाईयों, जिनको सीमित अवधि हेतु अनुमति दी गई है. उन्हें संचालन की दी गई अनुमति के क्रम में उनके द्वारा निम्नलिखित आदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। एसी कंपनियों/औद्योगिक प्रतिष्ठान संचालन हेतु कम से कम कार्मिकों से अपने प्रतिष्ठान में कार्य संचालित करवाया जाय कार्मिकों के प्रवेश पर उन्हें सेनेटाईज किया जाय तथा Social distancing का पूर्णत पालन करते हुये इन कार्मिकों के मध्य कम से कम 1 मीटर की पर्याप्त दूरी बनाकर कार्य सम्पादित कराया जाय। कार्मिकों को कोरोना वायरस की प्रतिदिन जारी एडवाईजरी का पूर्ण पालन करवाया जाय तथा इस सम्बन्ध में उन्हें जागरूक किया जाय। प्रतिष्ठान द्वारा पूर्ण प्रयास किया जाय कि जिन कार्मिकों से उनके द्वारा अपने प्रतिष्ठान में कार्य करवाया जा रहा है, यथासंभव उनके प्रवास की व्यवस्था परिसर में ही की जाय तथा उनके एक बार औघोगिक प्रतिष्ठान में आने के उपरान्त बाहर जाने की अनुमति न दी जाय। ऐसे कार्मिकों की सुरक्षा व समुचित खाने-पीने आदि की व्यवस्था का दायित्व संबंधित औघोगिक प्रतिष्ठान का होगा। यदि प्रतिष्ठान में कार्मिकों के प्रवास की व्यवस्था किसी स्थिति में संभव नहीं होती है अथवा कोई कठिनाई होती है, तो उन्हें फैक्ट्री द्वारा ही यातायात की सुविधा प्रदान की जाय तथा ऐसे कार्मिकों को लाने तथा पहुँचाने की पूर्ण जिम्मेदारी ली जाय। सुनिश्चित किया जाय किया जाय। यदि किसी औधोगिक प्रतिष्ठान के पास अपने प्रतिष्ठान का वाहन उपलब्ध नहीं है, तो उनके द्वारा कार्मिकों को लाने एवं उन्हें भेजने हेतु किराये पर वाहन लिया जाय तथा सुनिश्चित किया जाय कि उन वाहनों का उपयोग केवल ऐसे कार्मिकों को औधोगिक प्रतिष्ठान में लाने एवं छोड़ने हेतु प्रयोग किया जायेगा। ऐसे वाहनों को पहले पूर्ण रूप से सेनेटाईज किया जायेगा तथा सुनिश्चित किया जायेगा कि वाहन में पर्याप्त दूरी बनाते हुए ही कार्मिक बैठेंगे तथा वाहन में बैठने से पूर्व प्रत्येक कार्मिक को सेनेटाइज किया जाय तथा वाहन में कार्मिकों को बिठाने से पूर्व मास्क पहनना आवश्यक होगा। ऐसे कार्मिकों के आने एवं जाने के समय पूर्णतः सेनेटाईजेशन का प्रयोग करें प्रतिष्ठान में कार्मिकों को लाने एवं ले जाने हेतु जिन वाहनों का प्रयोग किया जायेगा, उन वाहनों के सम्बन्ध में पृथक से पास जारी किये जायेंगे, जिसके लिये अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व). हरिद्वार को नामित किया जाता है। औधोगिक प्रतिष्ठान द्वारा निम्न प्रारूप पर अपना आवेदन अपर जिलाधिकारी (वित्त जायेगा। राजस्व) को किया।

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