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चीन में बढ़ते संक्रमण से बढ़ी भारत की चिंता, अगर लगा लॉकडाउन तो इन सेक्टरों पर दिखेगा असर


अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में कोरोना केसों के बढ़ने के साथ अब भारत में भी संक्रमण को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। लेकिन इसी बीच निर्यातकों को चीन भेजी जाने वाली खेप में आगे और कमी आने की चिंता सताने लगी है, क्योंकि पड़ोसी देश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में कोरोना केसों के बढ़ने के साथ अब भारत में भी संक्रमण को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। लेकिन इसी बीच निर्यातकों को चीन भेजी जाने वाली खेप में आगे और कमी आने की चिंता सताने लगी है, क्योंकि पड़ोसी देश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर चीन में व्यापक स्तर पर लॉकडाउन होता है, तो भारत के निर्यात के साथ ही आयात पर भी व्यापक देखने को मिलेगा। व्यापार संगठनों के मुताबिक जोखिम वाले क्षेत्रों में फार्मास्यूटिकल्स, वाहनों के कलपुर्जे और इलेक्ट्रॉनिक सामान और उसके पार्ट्स शामिल हैं,दरअसल, इस वित्त वर्ष के शुरुआती सात माह में चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। वैश्विक व्यापार में चीन की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा है। अगर लॉकडाउन के कारण कोई कोई व्यवधान होता है, तो इसका असर भारत समेत कई देशों पर पड़ सकता है, जो चीन द्वारा की जाने वाली आपूर्ति पर निर्भर हैं। जहां तक निर्यात का मसला है। चीन भारत का चौथा निर्यात बाजार है। जबकि इसके पहले के वित्त वर्ष में तीसरा सबसे बड़ा बाजार था।चीन करीब सभी जींसों का बड़ा आयातक है। इसमें चावल, कपास, अनाज (मक्का, जौ, गेहूं), सोयाबीन, चीनी, खाद्य तेल जैसे पाम ऑयल सोया ऑयल आदि शामिल हैं और अगर बाजार में कोई व्यवधान आता है तो इससे वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर पड़ना स्वाभाविक है। जबकि चीन भारत से चावल, कपास, मूंगफली, धनिया, जीरा और कई अन्य मसालों, तिल, अरंडी के तेल आदि का आयात करता है।

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