गौचर रिलीफ सेंटर में रह रहे मजदूर नियमित योग, वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® के साथ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ पढकर सà¥à¤–ी जीवन जीने के गà¥à¤°à¥‚ सीख रहे है। चमोली जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने इन मजदूरों के लिठन केवल à¤à¥‹à¤œà¤¨, मनोरंजन और ठहरने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की है बलà¥à¤•à¤¿ इसके साथ इन मजदूरों को शारीरिक और मानसिक तौर पर à¤à¥€ फिट रखने की खास पहल की है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
चमोली 17 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²,2020,गौचर रिलीफ सेंटर में रह रहे मजदूर नियमित योग, वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® के साथ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ पढकर सà¥à¤–ी जीवन जीने के गà¥à¤°à¥‚ सीख रहे है। चमोली जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने इन मजदूरों के लिठन केवल à¤à¥‹à¤œà¤¨, मनोरंजन और ठहरने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की है बलà¥à¤•à¤¿ इसके साथ इन मजदूरों को शारीरिक और मानसिक तौर पर à¤à¥€ फिट रखने की खास पहल की है। दरअसल कोरोना संकट में लाॅकडाउन के चलते जिले से पलायन को आतà¥à¤° इन मजदूरों को जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने रिलीफ सेंटर में रूकने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की। लाॅकडाउन में काम बंद होेने से इन मजदूरों को दो वकà¥à¤¤ की रोटी की चिनà¥à¤¤à¤¾ सताने लगी थी। à¤à¤¸à¥‡ में इन मजदूरों ने यहाॅ से पलायन का मन बनाया था। चमोली जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ को इसकी à¤à¤¨à¤• लगी तो जिलाधिकारी सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¤¸ à¤à¤¦à¥Œà¤°à¤¿à¤¯à¤¾ ने इन मजदूरों के लिठरिलीफ सेंटर में ठहरने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की गई। रिलीफ सेंटर à¤à¥‡à¤œà¥‡ जाने पर पहले तो ये सà¤à¥€ मजदूर परेशान हो रहे थे। उनको चिनà¥à¤¤à¤¾ थी की जब काम ही नही तो à¤à¥‹à¤œà¤¨ कहाॅ से मिलेगा। परनà¥à¤¤à¥ जिलाधिकारी की पहल पर राजकीय पाॅलीटेकà¥à¤¨à¤¿à¤• गौचर में इन मजदूरों को नाशà¥à¤¤à¥‡ से लेकर दोनो टाईम के à¤à¥‹à¤œà¤¨ के अलावा टूथपेसà¥à¤Ÿ, साबà¥à¤¨, तौलिया जैसे जरूरी सामान à¤à¥€ दिया गया। रिलीफ सेंटर के निरीकà¥à¤·à¤£ के दौरान जिलाधिकारी ने मजदूरों के मनोरंजन के लिठटीवी à¤à¥€ लगवाया और जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¬à¤°à¥à¤§à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ दिलाई। करà¥à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— में तैनात तहसीलदार सोहन सिंह रांगड तो कà¥à¤› दिन पहले अपने बेटे का जनà¥à¤® दिन इन मजदूरों के साथ मना चà¥à¤•à¥‡ है। अपने बेटे के जनà¥à¤® पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मजदूरों के लिठखास पकवान खिलाठऔर फल à¤à¥€ बांटे। रिलीफ सेंटर में मजदूर शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट रहे इसके लिठà¤à¥€ जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने खास पहल की है। पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ इन मजदूरों को नियमित योग और वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® सिखाने के अलावा इनकी काउसिलिंग à¤à¥€ करवा रहा है। अब ये सà¤à¥€ 34 मजदूर à¤à¤• परिवार की तरह रिलीफ सेंटर में रहने लगे है और जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ से मिल रही हर मदद से बेहद खà¥à¤¶ है। नियमित वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, योग और जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¬à¤°à¥à¤§à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ पढकर इन मजदूरों के चेहरों पर तेज साफ दिख रहा है। कà¥à¤¯à¤¾ कहते है रिलीफ सेंटर में रह रहे मजदूर लोग - रिलीफ सेंटर में रह रहे मà¥à¤°à¤¾à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के रंजीत पाल, सहारनपà¥à¤° के अà¤à¤¿à¤¨à¤¯, नेपाल के पà¥à¤°à¥‡à¤® बहादà¥à¤° और बरेली के शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° बताते है कि आज तक हमने सिरà¥à¤« काम के बारे में ही सोचा, लेकिन यहाॅ रहकर पहली दफा अपने जीवन के बारे में à¤à¥€ सोचने का मौका मिला। बताया कि हम सब à¤à¤• परिवार की तरह यहाॅ पर रह रहे है और जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की मदद से बेहद खà¥à¤¶ है।