स्वच्छता आदत नहीं व्यवहार है - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


आज ग्लोबल हैंड़वाशिंग डे पर स्वच्छ हाथ-स्वस्थ शरीर का संदेश दिया। गंगोत्री यात्रा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती जी ने वहां पर आने वाले यात्रियों, पुरोहितों, गुरूकुलों के विद्यार्थियों को साबुन व सेनेटाइजर वितरित कर संदेश दिया

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश/गंगोत्री, 15 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने पुरोहित समाज को आज ग्लोबल हैंड़वाशिंग डे पर स्वच्छ हाथ-स्वस्थ शरीर का संदेश दिया। गंगोत्री यात्रा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती जी ने वहां पर आने वाले यात्रियों, पुरोहितों, गुरूकुलों के विद्यार्थियों को साबुन व सेनेटाइजर वितरित कर संदेश दिया कि स्वच्छता की आदत नहीं बल्कि व्यवहार है, स्वच्छता भारतीय जीवन शैली का अभिन्न है। साबुन के साथ हाथ धोना स्वस्थ रहने के लिये अत्यंत आवश्यक है। अब समय आ गया है कि स्वच्छता के लिये मिलकर कार्य करें, आईये एकजुट होकर स्वच्छता की संस्कृति का निर्माण करें। गंगोत्री धाम में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में वर्ष 2006 में शुरू की गंगा आरती का यह दिव्य क्रम आज भी जारी है। गंगा आरती की शुरूआत के आह्वान और संरक्षण हेतु पूरे पुरोहित समाज ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को सम्मानित किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर पूरा पुरोहित समाज अत्यंत प्रसन्न हुआ। स्वामी जी ने उन्हें बताया कि गंगा आरती के साथ आरती के माध्यम से आस्था के साथ-साथ सामाजिक व पर्यावरणीय समस्याओं को उजागर कर भारत सहित विश्व के अनेक देशों से आने वाले यात्रियों को जागरूकता का संदेश प्राप्त होगा। इस अवसर पर स्वामी जी ने जीरो से पांच वर्ष के बच्चों के नियमित टीकाकरण का संदेश देते हुये कहा कि नियमित टीकाकरण और साबुन व जल के साथ हाथ धोने के व्यवहार को अपनाकर हम बाल जीवन रक्षा और सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। एक बच्चे को पूरी तरह से प्रतिरक्षित माना जाता है, यदि बच्चे को जन्म के पहले वर्ष की आयु के भीतर राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार सभी टीके मिल जाते हैं।

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