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धर्म के संरक्षण व संवर्द्धन में संत समाज की अहम भूमिका-स्वामी गणेशानन्द गिरी


नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में सिद्ध पीठ मां कामाख्या देवी मंदिर के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी गणेशानंद गिरी महाराज व थानापति स्वामी नित्यानन्द गिरी महाराज ने म.म.स्वामी कैलाशानंद से भेंट कर धर्म चर्चा की।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 20 अगस्त। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में सिद्ध पीठ मां कामाख्या देवी मंदिर के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी गणेशानंद गिरी महाराज व थानापति स्वामी नित्यानन्द गिरी महाराज ने म.म.स्वामी कैलाशानंद से भेंट कर धर्म चर्चा की। चर्चा के दौरान म.म.स्वामी गणेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों से भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पहचान है और महापुरूषों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि धर्म के संरक्षण व संवर्द्धन में संत समाज अग्रणीय भूमिका निभाता चला आ रहा है। लोगों का मार्गदर्शन कर उन्हें ज्ञान की प्रेरणा देना और उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना संत समाज का मुख्य उद्देश्य है। देवभूमि उत्तराखण्ड प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों की तपस्थली है। धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा तट से म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने जो सेवा प्रकल्प प्रारम्भ किए हैं। वह सराहनीय है। सभी को उनके कार्यो से प्रेरणा लेकर धर्म सेवा व राष्ट्र कल्याण में योगदान करना चाहिए। म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने स्वामी गणेशानन्द गिरी महाराज व स्वामी नित्यानन्द गिरी महाराज का स्वागत करते हुए कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। देश दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी धर्मनगरी हरिद्वार से प्रसारित होने वाले धर्म संदेश पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते हैं। देश दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने हरिद्वार के संतों की हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार के संतों ने भारत के स्वरूप को विश्व पटल पर एक अनोखे रूप में प्रस्तुत किया है। राष्ट्र को उन्नति की और अग्रसर करने व भटके हुए लोगों का मार्गदर्शन उन्हें सफलता की और अग्रसर करना ही संतों का मूल व्रत है। थानापति स्वामी नित्यानन्द गिरी महाराज ने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में साक्षात विराजमान मां काली व सिद्धपीठ मां कामाख्या देवी की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करने से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं। जीवन में ज्ञान का प्रकाश होता है। मां की कृपा से साधक को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस अवसर पर रामविशाल देव, शमा सबरीन, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, अंकुश शुक्ला, अनुज दुबे, अनिल सिंह, अनुराग वाजपेयी, अनूप भारद्वाज, शिवकुमार शर्मा, बाल मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी आदि भी उपस्थित रहे।

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