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एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन


बाल चिकित्सा ब्रोंकोस्कोपी और बच्चों की अन्य पल्मोनरी जांचों के प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकों के अभ्यास हेतु एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

बाल चिकित्सा ब्रोंकोस्कोपी और बच्चों की अन्य पल्मोनरी जांचों के प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकों के अभ्यास हेतु एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के पहले दिन चिकित्सकों को ब्रोंकोस्कोपी प्रक्रिया का प्रशिक्षण और दूसरे दिन तपेदिक व अस्थमा के उपचार हेतु नवीनतम तकनीकों पर चर्चा के उपरांत अभ्यास कराया गया। एम्स के पीडियाट्रिक विभाग की ’पीडियाट्रिक पल्मोनरी व क्रिटिकल केयर’ डिवीजन के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में बाल चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि ब्रोंकोस्कोपी प्रक्रिया फाइबर ऑप्टिक कैमरे के माध्यम से वायुमार्ग और फेफड़ों की संरचनाओं को सीधे देखने की विशेष चिकित्सीय प्रक्रिया है। कार्यशाला को संबोधित करते हुए एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक और संस्थान में बाल चिकित्सा पल्मोनोलॉजी स्वास्थ्य सेवाओं की संस्थापक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि बच्चों के फेफड़ों में छोटे वायुमार्गों के कारण ब्रोंकोस्कोपी प्रक्रिया एक जटिल प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया को करने के लिए विशेष निपुणता की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों की सांस नली में फंसे भोज्य पदार्थ अथवा किसी टुकड़े आदि के फंस जाने पर ब्रोंकोस्कोपी प्रक्रिया से पता लगाया जा सकता है। साथ ही वायु नलिकाओं में फंसे ऐसे टुकड़ों या भोज्य पदार्थ को इस विधि से हटाया भी जा सकता है।

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