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एसजीवीपी रजत जयंती महोत्सव


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने स्वामी नारायण गुरूकुल, अहमदाबाद में आयोजित स्मृति महोत्सव-2023 में सहभाग कर उद्बोधन दिया। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री भारतनरेन्द्र मोदी जी का लिखित संदेश प्रसारित किया गया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 30 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने स्वामी नारायण गुरूकुल, अहमदाबाद में आयोजित स्मृति महोत्सव-2023 में सहभाग कर उद्बोधन दिया। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री भारतनरेन्द्र मोदी जी का लिखित संदेश प्रसारित किया गया। स्मृति महोत्सव में पधारे सभी संतों और विशिष्ट अतिथियों का अभिन्नदन करते हुये स्वामी माधवप्रिय दास स्वामी जी ने आपसी सद्भाव के साथ मिलकर रहने का संदेश देते हुये कहा कि हम सभी भारतमाता की संतानें है और हम सभी मिलकर रहें; एक होकर रहें और नेक होकर रहें। भारत के पास दृढ़ नेत््त्व वाली सरकार और पवित्र शक्ति प्रदान करने वाले पूज्य संत हैं। वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति का सूर्य 16 कलाओं में भारत में प्रकाशित हो रहा है। भारत अपनी वास्तविक शक्ति के साथ उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहा है। गृहमंत्री, भारत श्री अमित शाह जी ने कहा कि यहां आना मेरे अपने घर आने के उत्साह की अनुभति कराता है। यहां से हमने सदाचार व देशभक्ति का पाठ पढ़ा है। पार्टी के सिद्धान्त, कार्य संस्कृति के अभ्यास वर्ग यही से होते थे, गूरूकुल ने व्यक्ति निर्माण की परम्परा, भारतीय संस्कृति, सनातन संस्कृति व राष्ट्रभक्ति के संस्कार हमें प्रदान किये हैं। हरि की उपासना, व्यसन मुक्ति जीवन, गौ सेवा व खेती, संस्कृति, शास्त्र, संगीत, खेल, सम्पूर्ण शास्त्रों का वांग्मय यहां पर बना हुआ है। कोरोना के समय में पूरे भारत ने श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आशा का अनुभव किया। सभी को कोरोना का टीका लगाना और मोबाइल पर सर्टिफिकेट्स भेजना दुनिया के शायद किसी देश ने किया होगा परन्तु भारत ने कर दिखाया। नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में इस देश के स्व व आत्मा को जागृत करने का कार्य हुआ है।। मेडिकल की पढ़ाई हमारे यहां 18 भाषओं में होगी क्योंकि भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है। वर्षों से हमारे संतों ने तपस्या की और प्रार्थना की, भारत का स्व जागृत हो, नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी और अब 22 जनवरी को रामलला की अपने घर में स्थापना होगी। यह भारत का स्वर्णिम काल है। हमारे योग, आयुर्वेद को पूरा विश्व स्वीकार कर रहा है। श्री राम मन्दिर का निर्माण व रामलला की अपने घर में स्थापना एक शुभ संकेत है। अनेक कवियों ने गाया कि भारत सोने की चिड़िया था हम 2027 तक दुनिया के तीसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बना सकते हैं। इस अवसर पर उन्होंने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुये कहा कि इस शिक्षा को प्राप्त कर हमारे बच्चों का जीवन भारत के लिये समर्पित होगा। वर्तमान समय में हमारे पास बेलेंस सुरक्षा नीति है। स्वामी नारायण सम्प्रदाय पूरे देश में संस्कारों की नदी प्रवाहित कर रहा है। गुलामी के कालखंड में भक्ति के माध्यम से अनेकों लोगों को जोड़े रखा है। सभी के दिलों में भक्ति व राष्ट्रभक्ति का दीप प्रज्वलित किया। दूर-दराज के लोगों को शिक्षा व सनातन से जोड़ने का अद्भुत कार्य किया। अध्यात्म, राष्ट्रभक्ति और शिक्षा का अद्भुत समन्वय यहां पर है। यहां पर संस्कार, सदाचार, नीति, संस्कृत की शिक्षा व दर्शन की शिक्षा प्रदान की जा रही है जिसे मैने स्वयं भी देखा है।

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